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Hindi News भारत राष्ट्रीय जम्मू और कश्मीर: पाकिस्तानी गोलाबारी के चलते 100 गांवों के 76 हजार से अधिक ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर

जम्मू और कश्मीर: पाकिस्तानी गोलाबारी के चलते 100 गांवों के 76 हजार से अधिक ग्रामीण घर छोड़ने को मजबूर

आसपास के गांवों में अपने पशुओं की देखरेख तथा चोरी की घटनाओं से अपने - अपने घरों को बचाने के लिये अब गिनती के लोग तथा पुलिसकर्मी ही यहां बचे हुए हैं।

<p><span class="scayt-misspell-word"...- India TV Hindi Image Source : PTI आसपास के गांवों में अपने पशुओं की देखरेख तथा चोरी की घटनाओं से अपने - अपने घरों को बचाने के लिये अब गिनती के लोग तथा पुलिसकर्मी ही यहां बचे हुए हैं।

अरनिया: पाकिस्तानी सैनिकों की भारी गोलाबारी के कारण सीमावर्ती शहर अरनिया और सीमा से सटे तकरीबन 100 गांवों से 76,000 से अधिक ग्रामीण अपने घर छोड़कर चले गये हैं। अंतरराष्ट्रीय सीमा (आईबी) से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित करीब 18,500 लोगों की आबादी वाले अरनिया शहर में अब वीरानी छायी है। आसपास के गांवों में अपने पशुओं की देखरेख तथा चोरी की घटनाओं से अपने - अपने घरों को बचाने के लिये अब गिनती के लोग तथा पुलिसकर्मी ही यहां बचे हुए हैं।

 अंतरराष्ट्रीय सीमा से सटे इलाकों में जीवन थम - सा गया है क्योंकि गोलाबारी के चलते खेती , स्कूल , पशुपालन और हर उन चीजों में ठहराव आ गया है जिन पर सीमाई क्षेत्रों में रहने वाले ये लोग अपनी आजीविका चलाने के लिये आश्रित हैं। जम्मू के अतिरिक्त जिलाधीश (एडीएम) अरुण मन्हास ने यहां पीटीआई - भाषा को बताया , ‘‘ अरनिया शहर खाली हो गया है क्योंकि यहां रहने वाली अधिकतर आबादी अब पलायन कर चुकी है। वे या तो अपने रिश्तेदारों के यहां चले गये हैं या फिर उन्होंने सरकारी शिविरों में आसरा ले रखा है। ’’ मन्हास आम नागरिकों एवं पुलिस अधिकारियों के साथ राहत एवं बचाव कार्य की अगुवाई कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि अरनिया एवं आर एस पुरा सेक्टर में 90 से अधिक गांव के निवासियों को पुलिस बल बुलेट प्रूफ वाहनों की मदद से वहां से निकाल रहे हैं या फिर वे खुद इलाका छोड़कर जा रहे हैं। मन्हास ने बताया कि कई दिन से पाकिस्तान की ओर से भारी गोलाबारी और गोलीबारी के चलते 76,000 से अधिक लोग सीमाई इलाकों से पलायन कर गये हैं। लोगों को आश्रय देने के लिये कई शिविर स्थापित किये गये हैं। 

 

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