नयी दिल्ली: पंजाब और हरियाणा से ट्रैक्टर ट्रॉलियों, कारों में सवार होकर और किसान मंगलवार को यहां सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे जहां केंद्र के नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसानों की तरफ से बुलाए गए भारत बंद के कारण सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये गए हैं। भारत बंद की वजह से हालांकि लगातार 13 दिनों से सिंघु बॉर्डर पर डटे किसानों के लिये चावल, आटा, दाल, तेल, दूध, साबुन और दंतमंजन जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति भी प्रभावित हुई है।
पानीपत से आए गुरजैंत सिंह ने कहा, “स्वाभाविक रूप से राशन की आपूर्ति प्रभावित होगी। लेकिन अगले दो-तीन महीनों के लिये हमारे पास पर्याप्त भंडार है। हम लंबे समय तक के लिये तैयारी के साथ आए थे।” उन्होंने कहा कि लेकिन यह संख्या बढ़नी शुरू हो गई है और बहुत से लोग साइकिलों और बैलगाड़ियों आ रहे हैं।
दोपहर के भोजन के समय प्रदर्शनकारी कुछ गैर सरकारी संगठनों द्वारा संचालित लंगर में भोजन के लिये कतारबद्ध बैठे नजर आए। भोजन के बाद कुछ किसान आराम करने के लिये ट्रॉलियों में चले गए जबकि कुछ अन्य मंच से भाषण दे रहे अपने नेताओं को सुनने लगे।
ट्रैक्टरों पर लगे स्पीकरों से पंजाबी और हरियाणवी गाने तेज आवाज में बज रहे थे जबकि क्षेत्र की सर्विस लेन में जीपों और कारों में युवा बैठे नजर आए। बहुत से लोग वहां दैनिक उपयोग की वस्तुएं जिनमें अंत:वस्त्र, बालों में लगाने का तेल, क्रीम, मोजे और साबुन आदि शामिल हैं, लिये घूम रहे थे और जरूरतमंद प्रदर्शनकारियों को यह मुफ्त में वितरित कर रहे थे।
मोहाली से आए राजिंदर सिंह कोहली ने कहा कि उनकी संख्या प्रतिदिन बढ़ रही है। प्रदर्शनकारी किसान संघों के भारत बंद की वजह से सड़कों पर वाहन कम दिखे। ऐप आधारित कैब, ऑटो रिक्शा और डीटीसी बसें हालांकि रोड पर देखी जा सकती थीं। सिंघु बॉर्डर की तरफ जा रही सड़कों पर अधिकतर दुकानों बंद थीं। बंद के मद्देनजर दिल्ली पुलिस ने सभी बॉर्डरों पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये हैं।
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