इस वर्ष मॉनसून लंबे समय तक जारी रह सकता है, IMD ने अभी और वर्षा का अनुमान लगाया
भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है।
नयी दिल्ली: देश में इस वर्ष मॉनसून लंबे समय तक जारी रह सकता हैं, क्योंकि सितंबर के अंत तक उत्तर भारत में बारिश में कमी आने के संकेत नहीं दिख रहे हैं। भारत मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, दक्षिण पश्चिम मॉनसून उत्तर पश्चिम भारत से तभी वापस होता है जब लगातार पांच दिनों तक इलाके में बारिश नहीं होती है। निचले क्षोभ मंडल में चक्रवात रोधी वायु का निर्माण होता है और आर्द्रता में भी काफी कमी होना आवश्यक है।
आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने कहा, ‘‘अगले दस दिनों तक उत्तर भारत से मॉनसून की वापसी के संकेत नहीं दिख रहे हैं।’’ आईएमडी ने पिछले वर्ष भी उत्तर पश्चिम भारत से मॉनसून की वापसी की तारीख संशोधित की थी। पिछले कुछ वर्षों से मॉनसून की वापसी में विलंब होने के रूख को देखते हुए यह किया गया था। दक्षिण पश्चिम मॉनसून पहले राजस्थान से वापस होना शुरू होता है।
दक्षिण पश्चिम मॉनसून एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक रहता है
संशोधित तिथि के अनुसार, यह 17 सितंबर से जैसलमेर से वापस होना शुरू होता है। दक्षिण पश्चिम मॉनसून ने 2017, 2018, 2019 और 2020 में विलंब से वापसी शुरू की। मॉनसून के विलंब से वापस जाने का मतलब होता है कि ठंड भी देर से पड़ती है। आधिकारिक रूप से दक्षिण पश्चिम मॉनसून एक जून से शुरू होता है और 30 सितंबर तक रहता है।
इस मौसम में 1964 के बाद सबसे ज्यादा बारिश
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के आंकड़ों के मुताबिक, इस साल बेहतर मॉनसून के कारण दिल्ली में गुरुवार को दोपहर तक 1159.4 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो 1964 के बाद से सबसे अधिक और अब तक की तीसरी सर्वाधिक बारिश है। साथ ही, दिल्ली में सितंबर में हुई बारिश ने 400 मिमी के निशान को पार कर लिया है। गुरुवार दोपहर तक हुई 403 मिमी बारिश सितंबर 1944 में 417.3 मिमी के बाद से इस महीने में हुई सबसे अधिक वर्षा है। ये आंकड़े बदल सकते हैं क्योंकि आज दिन भर और बारिश होने का अनुमान है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि वर्षा ऋतु के जाते-जाते यह दिल्ली में दूसरी सबसे ज्यादा मॉनसून की बारिश हो सकती है। सामान्य तौर पर, दिल्ली में मॉनसून के मौसम में 653.6 मिलीमीटर बारिश होती है। पिछले साल राजधानी में 648.9 मिली बारिश हुई थी। एक जून को जब मॉनसून शुरू होता है, तब से 15 सितंबर के बीच शहर में सामान्य तौर पर 614.3 मिमी बारिश होती है। दिल्ली से मॉनसून 25 सितंबर तक लौटता है।
दिल्ली में शुक्रवार को हल्की बारिश का संभावना
आईएमडी के मुताबिक, शहर के लिए आधिकारिक मानी जाने वाली सफदरजंग वेधशाला का कहना है कि शहर में गुरुवार को दोपहर तक इस मौसम की 1159.4 मिमी बारिश हो चुकी है। 1975 में 1,155.6 मिमी और 1964 में 1190.9 मिमी बारिश हुई थी। अब तक की सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 1933 में हुई 1,420.3 मिमी वर्षा का है। इससे पहले, सुबह मौसम विभाग ने दिल्ली में दिन में मध्यम बारिश के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था। शुक्रवार को हल्की बारिश की संभावना है।
जानिए दिल्ली में बारिश के आंकड़े
एक निजी मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काईमेट वेदर के उपाध्यक्ष महेश पलावत ने कहा, "23-24 सितंबर तक बारिश बीच-बीच में होती रहेगी, जिसका मतलब है कि मॉनसून समाप्त होने तक, दिल्ली के नाम अब तक दूसरा सबसे ज्यादा बारिश वाला मॉनसून दर्ज हो सकता है।” पिछले दो दशकों में यह केवल तीसरी बार है जब दिल्ली में मॉनसून की बारिश ने 1000 मिमी के निशान को पार किया है। दिल्ली में 2011, 2012, 2013, 2014 और 2015 में क्रमश: 636 मिमी, 544 मिमी, 876 मिमी, 370.8 मिमी और 505.5 मिमी वर्षा हुई। आईएमडी के आंकड़ों के अनुसार 2016 में 524.7 मिमी; 2017 में 641.3 मिमी; 2018 में 762.6 मिमी; 2019 में 404.3 मिमी और 2020 में 576.5 मिमी बारिश दर्ज की गई।
ये भी पढ़ें:
राम मंदिर निर्माण के पहले चरण का काम पूरा, गर्भगृह के नीचे 14 मीटर मोटी चट्टान ढाली गई
स्कूली छात्रों के खाते में अचानक आ गई 960 करोड़ रुपये से भी ज्यादा की रकम, बैंक ने उठाया यह कदम