बोस्टन: मान्चेस्टर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालजीज( MIT) ने एक अध्ययन में पाया है कि पिछले 50 सालों की सूखी गर्मी के बाद विगत 15 साल में भारत में गर्मियों का मानसून मजबूत हुआ है। भारत में हर साल गर्मियों का मानसून जून और सितंबर के बीच बारिश लाता है। शोधार्थियों ने पाया कि 2002 के बाद से देश में शुष्क मौसम में बारिश होने की प्रवृति बढ़ रही है। इसके साथ ही मजबूत मानसून के कारण ज्यादा बारिश होती है और यह देश की बहुतायत जनसंख्या वाले मध्य भारत में शक्तिशाली एवं हानिकारक बाढ़ लाती है।
नेचुरल क्लाइमेट चेंज जर्नल में प्रकाशित शोध के अनुसार, भारतीय भूमि और समुद्र के तापमान में बदलाव के कारण भी मई माह के दौरान मानसून की बारिश हो सकती है। शोधार्थयिों ने अपने शोध में पाया कि 2002 से लगभग पूरे भारतीय उपमहाद्वीप में बहुत अधिक गर्मी का अनुभव किया गया और इस दौरान यहां का तापमान 0.1 से बढ़कर एक डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच गया। इसी बीच, हिन्द महासागर के तापमान में काफी धीमी बढ़ोतरी दर्ज की गयी।
मान्चेस्टर इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालजीज के वरिष्ठ शोधार्थी चेन वांग के मुताबिक भूमि पर अधिक और आसपास के पानी के उुपर कम गर्मी ही मजबूत मानसून का प्रमुख कारण है। वांग ने कहा, 'भारत में अचानक बहुत भयंकर गर्मी पड़ने लगी, जबकि हिन्द महासागर, जो हमेशा गर्म रहता था, की गर्मी धीमे धीमे कम हो गयी।' उन्होंने कहा, 'यह प्राकृतिक संयोजन, मानव-जनित कृत्रिम प्रभाव के कारण हो सकता है और हम अभी भी भौतिक प्रक्रियाओं के तल में पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं, जिससे इसका विपरीत प्रभाव पड़ा है। शोधार्थियों ने बताया कि मौसम विग्यान की मानसून प्रणाली में भारतीय मानसून का सबसे लंबे समय तक अध्ययन किया गया।
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