नई दिल्ली. कोरोना महमारी के बीच 14 सितंबर से संसद का मानसून सत्र शुरू होने जा रहा है। विशेष परिस्तिथियों में होने जा रहे इस मानसून सत्र को लेकर कई विशेष तरह की तैयारियों भी की जा रही हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि मॉनसून सत्र महामारी के चलते चुनौतीपूर्ण और कठिन हो गया है लेकिन संवैधानिक दायित्वों को पूरा करना है।
उन्होंने कहा कि ये समय देश हीं नहीं, विश्व के लिए चुनौतीपूर्ण है। संसद का ये सत्र ऐतिहासिक इसलिए होगा क्योंकि संसद के अंदर इस महामारी के समय व्यापक सुरक्षा इंतजामों के तहत कोविड के सभी दिशा निर्देशों का पालन करना होगा। सही तरह से सत्र चले, विधायी कार्य सफलतापूर्वक हो।
लोकसभा स्पीकर ने बताया कि स्वास्थ्य संबंधी गाइडलाइंस और पालन के लिए सभी विशेषज्ञों, राजनीतिक दलों और अधिकारियों से चर्चा हुई है। 14 सितंबर को लोकसभा 9 am से 1 बजे और अगले दिन से 3 pm से 7 pm तक चलेगी। शून्यकाल आधे घंटे के लिए होगा।
उन्होंने बताया कि लोकसभा चेंबर में 257, दर्शक दीर्घा में 172, राज्यसभा में चेंबर में 60 और दीर्घा में 51 सदस्य बैठ सकते हैं। ओम बिरला ने सभी सांसदों से जांच कराने का आग्रह किया। सभी कर्मचारियों, अधिकारियों की जांच भी जांच के निर्देश दिए गए हैं।
ओम बिरला ने बताया कि संसद के मानसून सत्र में कम से कम कागज का उपयोग होगा, डिजिटल तरीके का इस्तेमाल होगा। पिछली बार 62% डिजिटलीकरण हुआ, इस बार सौ फीसदी की कोशिश होगी। मोबाइल एप के मार्फत सांसद अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकेंगे। ये एप तभी प्रभावी होगा जब सदस्य संसद परिसर में हों, वो इसका इस्तेमाल घर बैठे नहीं करा सकेंगे।
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