कौन है मोइन कुरैशी जिसके कारण सीबीआई में मचा है घमासान?
मोइन कुरैशी यूपी के रामपुर से ताल्लुक रखता है। उसने दून स्कूल और सेंट स्टीफेंस से पढ़ाई की। फिर साल 1993 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में छोटे स्तर पर मांस का कारोबार शुरू किया।
नई दिल्ली: देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई में इस वक्त घमासान मचा हुआ है। एजेंसी के दो बड़े अफसरों में मची इस खींचतान के बाद एजेंसी के चीफ आलोक वर्मा और राकेश अस्थाना, दोनों को ही छुट्टी पर भेज दिया गया है। काफी वक्त से चली आ रही इस खींचतान में एक शख्स का नाम प्रमुखता से उभरकर सामने आया है। इस शख्स का नाम है मीट कारोबारी मोइन अख्तर कुरैशी। सीबीआई के तीन सीनियर अधिकारी मोइन कुरैशी से नजदीकी के कारण कानूनी कार्रवाई झेल रहे हैं। आइए जानते हैं कि कौन है मोइन कुरैशी जो एक सामान्य कारोबारी से बना गया अरबपति।
मोइन कुरैशी यूपी के रामपुर से ताल्लुक रखता है। उसने दून स्कूल और सेंट स्टीफेंस से पढ़ाई की। फिर साल 1993 में उत्तर प्रदेश के रामपुर में छोटे स्तर पर मांस का कारोबार शुरू किया। मोइन कुरैशी ने रामपुर में एक बूचड़खाना लगाया। कारोबार चल पड़ा और देखते ही देखते वह मांस का बड़ा कारोबारी बन गया। 2014 में मोइन कुरैशी का नाम पहली बार सुर्खियों में तब आया जब आयकर विभाग ने दिल्ली, रामपुर समेत उसकी प्रॉपर्टीज पर छापे मारे। उस दौर में उस पर कांग्रेस के बड़े नेताओं से घनिष्ठ संबंधों के भी आरोप लगे।
उसके ऊपर यह भी आरोप लगे कि वह सीबीआई के पूर्व प्रमुखों एपी सिंह और रंजीत सिन्हा से भी करीबी संबंध थे। इस कड़ी में पिछले साल मोइन कुरैशी का सहयोग करने के लिए सीबीआई ने अपने पूर्व प्रमुख एपी सिंह पर केस भी दर्ज किया। कुरैशी के खिलाफ टैक्स धोखाधड़ी, मनी लांड्रिंग और धन के हेर-फेर के कई मामले चल रहे हैं। बताया जाता है कि 2011 में उसकी बेटी पर्निया कुरैशी की शादी हुई थी। यह शाही मीडिया में छा गई थी। इस शादी में करोड़ों रुपए पानी की तरह बहाए गए।
पर्निया की शादी कार्यक्रम में पाकिस्तानी गायक राहत फतेह अली खान को गाने के लिए बुलाया गया था। वह मामला भी इसलिए सुर्खियों में आ गया था क्योंकि उनको वापसी के वक्त राजस्व खुफिया महानिदेशालय ने रोक लिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार रामपुर में मोइन कुरैशी के पिता मुंशी माजिद कुरैशी के नाम पर एक मशहूर इलाका है। उस इलाके का नाम कोठी मुंशी मजीद है। मुंशी मजीद के बारे में कहा जाता है कि नवाबी दौर में उन्होंने अफीम के कारोबार में बहुत पैसा कमाया और उसके बाद धीरे-धीरे दूसरे व्यापार भी शुरू किए।