नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा है कि यहां (भारत) कोई विदेशी नहीं है, सब हिंदू पूर्वजों के वंशज हैं। उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने देश की एकता को बाधित करने के लिए मुसलमानों में अलगाववाद पैदा करने की कोशिश की थी। मोहन भागवत ने सभी से मिलजुलकर रहने पर जोर देते हुए देश को आगे ले जाने की अपील की। यहां कंस्टीटूशन क्लब में रविवार को आरएसएस के पूर्व प्रचारक और सेंटर फॉर सिविलाईजेशन स्टडीज के निदेशक रवि शंकर की 'ऐतिहासिक काल-गणना: एक भारतीय विवेचन' नामक पुस्तक का विमोचन करते हुए संघ के सरसंघचालक मोहन भागवत ने कहा कि शक्तिशाली राष्ट्र, दुर्बल राष्ट्र पर शासन करने की कोशिश करते हैं। इसका उदाहरण देने की जरूरत नहीं है। सबको पता है।
भागवत ने भारतीयों से इतिहास और परम्पराओं को न भूलने की अपील की। उन्होंने कहा कि आक्रमणकारियों के आने से पहले से ही हम अपनी समृद्ध और गौरवशाली परम्पराओं को भूलने लगे थे।
मोहन भागवत ने भारत में खेती-किसानी की प्राचीन समृद्ध परंपरा की चर्चा करते हुए बिहार के एक प्रगतिशील किसान परिवार का उदाहरण दिया। बताया कि उच्च शिक्षित परिवार उन्नतशील खेती करने में जुटा है। मोहन भागवत ने देश में जैविक खेती की भी चर्चा की।
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