मोगा: पंजाब के मोगा शहर में छेड़छाड़ का विरोध करने पर 13 वर्षीय किशोरी को बस से फेंकने और उसकी मौत हो जाने के मामले में पीड़ित परिवार शव का पोस्टमार्टम कराने और अंतिम संस्कार करने पर राजी हो गया है। जिस बस में किशोरी के साथ छेड़छाड़ हुई थी, वह उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल की कंपनी की है। लड़की के पिता और उसके परिवार के कुछ सदस्यों ने कहा कि वे पोस्टमार्टम कराने और अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए हैं।
मोगा में सिविल अस्पताल के आसपास काफी गहमागहमी रही। स्थानीय प्रशासन और पुलिस पीड़ित परिवार को पोस्टमार्टम के लिए मनाने में जुटी रहे। अस्पताल के भीतर और बाहर बड़ी संख्या में पुलिस जवानों को तैनात किया गया था। लोगों ने परिवार पर दबाव बनाने के खिलाफ प्रदर्शन भी किया।
प्रदर्शन करने वालों में कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता शामिल थे। उनका आरोप था कि प्रशासन बादल की शह पर पीड़ित परिवार पर पोस्टमार्टम के लिए दबाव बना रहा है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने परिवार को 20 लाख रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी का प्रस्ताव दिया है।
मोगा के उपायुक्त परमिंदर सिंह गिल ने कहा कि किसी की मौत के मामले में पोस्टमार्टम एक महत्वपूर्ण सबूत होता है।
चौतरफा दबाव के बीच पुलिस ने बस संचालक कंपनी आर्बिट के चार कर्मचारियों को गिरफ्तार किया है। उनपर हत्या, हत्या का प्रयास और छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया गया है।
उधर आर्बिट कंपनी की बसों का परिचालन सुखबीर बादल के निर्देश पर शनिवार से बंद कर दिया गया है।
मोगा में 13 वर्षीय अर्शदीप के साथ छेड़छाड़ के बाद उसे बस से बाहर फेंक दिया गया था, जिसमें उसकी मौत हो गई। उसकी मां को भी मनचलों ने छेड़छाड़ का विरोध करने पर तेज रफ्तार बस से बाहर फेंक दिया था।
14 वर्षीय एक लड़के सहित तीन लोगों का यह परिवार बुधवार को मोगा कस्बे से बाघापुराना कस्बा जाने के लिए बस पर सवार हुआ था। दोनों कस्बों के बीच की दूरी 20 किलोमीटर है। मां और बेटी के साथ बस में कुछ समय बाद ही छेड़छाड़ किया जाने लगा।
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