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Hindi News भारत राष्ट्रीय आर्थिक पैकेज सिर्फ ‘13 शून्य’ साबित हुआ, माफी मांगे प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री: कांग्रेस

आर्थिक पैकेज सिर्फ ‘13 शून्य’ साबित हुआ, माफी मांगे प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री: कांग्रेस

कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा किए जाने के बाद इस पैकेज को ‘13 शून्य’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसानों के प्रति ‘असंवेदनशीलता’ दिखाने और उनकी उपेक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

<p>Union Finance Minister Nirmala Sitharaman</p>- India TV Hindi Image Source : PTI Union Finance Minister Nirmala Sitharaman

नई दिल्ली: कांग्रेस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा किए जाने के बाद इस पैकेज को ‘13 शून्य’ करार देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसानों के प्रति ‘असंवेदनशीलता’ दिखाने और उनकी उपेक्षा के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए। पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने यह दावा भी किया कि मोदी सरकार के एजेंडे में किसान और मजदूर कहीं नहीं हैं।

उन्होंने वीडियो लिंक के माध्यम से संवाददाताओं से कहा, ‘‘20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज देशवासियों के लिए ‘राहत का पैकेज’ कम बल्कि ‘वूडू इकॉनॉमिक्स पैकेज’ (नासमझी भरे अर्थशास्त्र वाला पैकेज) अधिक साबित हुआ है। ‘वादों के सब्जबाग’ से ‘मदद की हकीकत’ तक पहुंचने में सरकार ने देश को पूर्णतया निराश किया है। मोदी सरकार का 20 लाख करोड़ रुपये का पैकेज केवल ‘13 शून्य’ साबित हुआ है।’’

कांग्रेस प्रवक्ता गौरव वल्लभ ने दावा किया कि बजट की योजनाओं एवं आवंटन को कोविड-19 संकट के समय की सहायता के नाम पर अन्नदाताओं के लिए घोषित करना किसानों का अपमान है। वल्लभ ने तंज करते हुए कहा, ‘‘अगर यह राहत पैकेज है तो 20 लाख करोड़ रुपये का आर्थिक पैकेज क्यों हैं? वित्त मंत्री जी इसे 30 लाख करोड़ रुपये का पैकेज कह देतीं क्योंकि मौजूदा वित्त वर्ष का बजट 30 लाख करोड़ रुपये का है। बजट की घोषणाओं को ही तो पैकेज के तौर पर पेश किया जा रहा है।’’

सुरजेवाला ने आरोप लगाया, ‘‘वित्त मंत्री आर्थिक पैकेज के नाम पर बजट की योजनाओं को ही सामने रख रही हैं। बजट की योजनाओं को आर्थिक पैकेज के तौर पर पेश करना राष्ट्रहित के साथ खिलवाड़ है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘पिछले तीन दिनों में वित्त मंत्री ने जो घोषणाएं की हैं उनमें सिर्फ कर्ज की बात की गई है। किसानों और मजूदरों को कोई राहत नहीं दी गई। क्या मुश्किल के समय उन्हें कर्ज देकर सरकार अपनी जिम्मेदारी से बच सकती है?’’

कांग्रेस नेता ने दावा किया कि रबी फसलों की कीमत न मिलने से किसान को 50,000 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ, लेकिन नुकसान की भरपाई के नाम पर एक फूटी कौड़ी नहीं दी गई। उन्होंने कहा, ‘‘किसानों के प्रति असंवेदनशीलता दिखाने और उन्हें नजरअंदाज करने के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को माफी मांगनी चाहिए।

गौरतलब है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को कृषि उपज के रखरखाव, परिवहन एवं विपणन सुविधाओं के बुनियादी ढांचे के लिए एक लाख करोड़ रुपये के कृषि ढांचागत सुविधा कोष की घोषणा की। वित्त मंत्री ने यहां आर्थिक पैकेज की तीसरी किस्त की घोषणा करते हुए कहा कि इस कोष का इस्तेमाल शीत भंडारगृह, कटाई के बाद प्रबंधन ढांचे आदि के लिए किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री ने सूक्ष्म खाद्य उपक्रमों (एमएफई) को संगठित करने के लिए 10,000 करोड़ रुपये की योजना की भी घोषणा की।

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