नई दिल्ली: अफगनिस्तान के बिगड़ते हालात को देखते हुए केन्द्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई है। ये बैठक संसद भवन के कमेटी रूम में हुई, इसमें सभी दलों के फ्लोर लीडर्स को बुलाया गया था। विदेश मंत्री एस जयशंकर अफगानिस्तान के हालात और भारत सरकार द्वारा चलाए जा रहे रेस्क्यू मिशन ऑपरेशन देवी शक्ति के बारे में सभी पार्टियों को जानकारी दी। भारत अभी तक 800 से ज्यादा लोगों को काबुल से निकाल चुका है और ये मिशन जारी है। हालांकि तालिबान द्वारा 31 अगस्त की डेडलाइन देने के बाद हालात और कठिन हो गए हैं लेकिन भारत अपने मिशन में जुटा है।
बैठक में सरकार की तरफ से तीन मंत्री होंगे शामिल
सर्वदलीय बैठक में सरकार की तरफ से तीन मंत्री शामिल हुए हैं। विदेश मंत्री एस जयशंकर, प्रह्लाद जोशी और पीयूष गोयल सरकार का पक्ष रखेंगे और फ्लोर लीडर्स को अफगानिस्तान के हालात की जानकारी देंगे। वहीं, कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी और मल्लिकार्जुन खड़गे बैठक में भाग ले रहे हैं और पार्टी की तरफ से पक्ष रखेंगे।
बता दें कि पिछले 20 सालों से भारत ने अफगानिस्तान में बड़ा निवेश किया है। साथ ही अफगानिस्तान हमारा स्ट्रैटेजिक साथी भी रहा है ऐसे में वहां पर तालिबान का कब्ज़ा हो जाना भारत के लिए बड़ी चुनौती है। इन हालातों में भारत की रणनीति क्या रहेगी इसपर हर किसी की निगाहें हैं। आज की सर्वदलीय बैठक में इन्हीं मुद्दों पर केंद्र सरकार सभी राजनीतिक दलों के साथ मंथन करेगी। अफगानिस्तान पर तालिबान के कब्ज़े के बाद भारत की ओर से अभी कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है, बल्कि अभी वहां पर फंसे भारतीय नागरिकों को वहां से निकालने पर फोकस किया जा रहा है।
पीएम मोदी और विदेश मंत्री हालात पर पैनी नजर बनाए हुए हैं
आपको बता दें कि, अफगानिस्तान में तालिबान के कब्जे के बाद से वहां की स्थिति काफी खराब बताई जा रही है। राजधानी काबुल समेत हर तरफ अफरा-तफरी का माहौल है। अफगान के लोग देश छोड़कर आना चाहते हैं। भारत भी अपने नागरिकों को लगातार वहां से सुरक्षित निकालने में लगा हुआ है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस जयशंकर अफगानिस्तान अपनी पैनी नजर बनाए हुए हैं।
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