कश्मीर में फिर ऑपरेशन ऑलआउट शुरू करने की तैयारी, लिया जाएगा शहीद औरंगजेब की हत्या का बदला
सेना का कहना है कि आतंकियों के लिए काम करने वाले स्थानीय जासूसों ने औरंगजेब की खबर आंतकियों तक पहुंचाई थी। औरंगजेब ईद के मौके पर घर की ओर जा रहे थे और उनकी पल-पल की खबर ये जासूस अपने आतंकी आकाओं को दे रहे थे।
नई दिल्ली: रमजान खत्म होने के बाद आतंकियों के खिलाफ कश्मीर घाटी में ऑपरेशन ऑलआउट फिर से शुरू करने की तैयारी चल रही है। सेना और सुरक्षाबलों ने शहीद जवान औरंगजेब की हत्या में शामिल हिज्बुल और जैश के आतंकियों के एनकाउंटर की तैयारी कर ली है और ईद के बाद सबसे बड़ा ऑपरेशन शुरू किया जाएगा। सेना ने शहीद जवान औरंगजेब को अगवा करने और फिर निर्मम तरीके से मारने में शामिल आतंकियों की पहचान कर ली है और बहुत जल्द इन आतंकियों को उनके सही मुकाम तक पहुंचाया जाएगा।
सेना का कहना है कि आतंकियों के लिए काम करने वाले स्थानीय जासूसों ने औरंगजेब की खबर आंतकियों तक पहुंचाई थी। औरंगजेब ईद के मौके पर घर की ओर जा रहे थे और उनकी पल-पल की खबर ये जासूस अपने आतंकी आकाओं को दे रहे थे। इसी दौरान रास्ते में ऑल्टो कार में आतंकी आये और औरंगजेब को उठाकर ले गये।
क्या है ऑपरेशन ऑलआउट?
-2017 में कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ अभियान शुरू हुआ
-आर्मी, सीआरपीएफ और पुलिस ने मिलकर 2017 में शुरू किया
-खासतौर पर साउथ कश्मीर में आतंकियों का चुन-चुनकर सफाया
-2017 में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत 220 आतंकी मारे गए
-2018 में सीजफायर लागू होने तक 89 आतंकी ढेर हो चुके थे
-सब्जार बट, अबु दुजाना, अबू इस्माइल समेत कई खूंखार आतंकी ढेर
-बड़े आतंकी कमांडरों का सफाया होने से दहशतगर्दों की कमर टूटी
सेना और सुरक्षाबलों ने बड़ी मशक्कत के बाद घाटी में आतंकियों की रीढ़ तोड़ने में कामयाबी हासिल की थी और पिछले एक साल में आतंक के कई पोस्टर ब्वॉय को ढेर किया था। इस तरह की कई कार्रवाई में शहीद जवान औरंगजेब शामिल थे जिससे पाकिस्तान में बैठे मसूद अजहर, हाफिज सईद जैसे आतंक के कई आकाओं में खलबली मची थी।
आतंकियों के सफाए के लिए घाटी में सुरक्षाबलों का ऑपरेशन
-2018 में 19 मई तक सुरक्षाबलों ने 89 आतंकियों को ढेर किया
-2018 के पहले पांच महीने में 6 आतंकियों ने सरेंडर किया
-2017 में ऑपरेशन ऑल आउट के तहत 220 आतंकी मारे गए
-2017 में 82 आतंकियों ने सरेंडर किया, मुख्यधारा में वापस आए
-2017 में ऑपरेशन ऑलआउट में सुरक्षाबलों के 78 जवान शहीद हुए
सेना के मुताबिक औरंगजेब को अगवा करके मारने वाले दो आतंकी हिजबुल मुजाहिदीन के थे। इसके अलावा जैश-ए-मोहम्मद के दो पाकिस्तानी आतंकी भी इस वारदात में शामिल थे। इनमें से हिजबुल मुजाहिदीन का एक आतंकी ज़हूर अहमद टोकर था। कश्मीर के पुलवामा का रहने वाला ज़हूर कभी सेना में हुआ करता था। वह 173 टेरिटोरियल आर्मी की इंजीनियरिंग विंग में तैनात था। पिछले साल वो बारामुला के गांटमुला से AK-47 और तीन मैगजीन लेकर फरार हो गया था।
शहीद औरंगजेब के पिता ने भी कल आतंकियों को खुला चैलेंज दिया था और कहा था कि अगर 72 घंटे में औरंगजेब के हत्यारों पर एक्शन नहीं हुआ तो वो खुद आतंकियों से बदला लेंगे। रमजान के महीन में सीजफायर के ऐलान के बाद आतंकी हमले कम होने के बजाए और बढ़ गए हैं। अब जरूरत है सेना और सुरक्षाबलों को फ्रीहैंड दिया जाए ताकि धरती के जन्नत से आतंक का खात्मा हो।