मोदी कैबिनेट ने उज्ज्वला योजना के अंतर्गत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाकर आठ करोड़ किये जाने को आज मंजूरी दे दी।
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गयी। सरकार ने उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों की संख्या बढ़ाकर आठ करोड़ किये जाने को आज मंजूरी दे दी। इसके तहत मुफ्त नया रसोई गैस कनेक्शन उपलब्ध कराया जाता है। इसके लिये 4,800 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आबंटन किया गया है। मई 2016 में शुरू प्रधानमंत्री उज्ज्वल योजना के तहत लाभार्थियों को नकद सहायता उपलब्ध करायी जाती है ताकि वे जमा मुक्त नया एलपीजी कनेक्शन प्राप्त कर सके।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत 4,800 करोड़ रुपये के अतिरिक्त आबंटन के साथ पांच करोड़ परिवार को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य बढ़ाकर आठ करोड़ करने को मंजूरी दे दी।’’ इसमें कहा गया है, ‘‘प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत संशोधित 2020 तक हासिल किया जाएगा।’’
कौशल विकास पर भारत-ब्रिटेन समझौते को मंजूरी
सरकार ने कौशल विकास, व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण के क्षेत्र में भारत व ब्रिटेन के बीच समझौते पर हस्ताक्षर किए जाने को आज मंजूरी दे दी। सरकारी बयान के अनुसार इस समझौता ज्ञापन से व्यावसायिक शिक्षा तथा प्रशिक्षण और कौशल विकास के क्षेत्र में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग मजबूत बनाने का मार्ग प्रशस्त होगा। इसके साथ ही मंत्रिमंडल ने सहयोग कार्यक्रम के लिए भारत ऑस्ट्रेलिया समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करने को मंजूरी दी है। मंत्रिमंडल ने तीन महीने के सहयोग कार्यक्रम के लिए समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर की स्वीकृति दे दी है।
इस कार्यक्रम के तहत वित्त मंत्रालय व आस्ट्रेलिया का वित्त विभाग के उन अधिकारियों के लिए व्यवस्था की जाएगी जो कि एक दूसरे देश में अस्थायी रूप से तैनात हैं। इसके अनुसार प्रस्तावित कार्यक्रम से दोनों देशों के बीच मौजूदा आर्थिक नीति संबंधी विषयों की समझ गहरी होगी और साथ ही भविष्य में सहयोग के अवसरों के अधिक द्वार खुलेंगे।
60 तेल एवं गैस फील्ड की नीलामी को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने खोजे गये छोटे फील्ड की नीलामी बोली में कुल 60 तेल एवं गैस फील्डों की पेशकश को आज मंजूरी दे दी। इसमें ओएनजीसी तथा आयल इंडिया के फील्ड शामिल हैं। कुल 60 फील्डों में 22 को आयल एवं नेचुरल गैस कारपोरेशन (ओएनजीसी), पांच आयल इंडिया ने खोजे हैं। इसके अलावा 12 वैसे फील्ड हैं जिसे 1999 से नई खोज लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत की गयी पेशकश वाले ब्लाक में से खोजा गया गया या उसे छोड़ दिया गया। शेष 21 वे फील्ड हैं, जिसे पिछले साल पहले दौर की डीएसएफ (खोजे गये छोटे फील्ड) के लिये कोई बोली नहीं मिली।
इन फील्डों में 19.46 करोड़ टन तेल और तेल समतुल्य गैस होने का अनुमान है। इसमें कहा गया है, ‘‘इन फील्डों का विकास किया जाएगा और उसे तेजी से बाजार पर चढ़ाया जाएगा। इससे तेल एवं गैस उत्पादन में बढ़ोतरी होगी तथा देश की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।’’
बयान के अनुसार इन फील्डों में निवेश से प्रत्यक्ष एवं परोक्ष रूप से 88,000 से अधिक रोजगार सृजित होंगे।
बेहतर कार्य को लेकर आईएलओ की सिफारिशों को स्वीकार करने को मंजूरी दी
सरकार ने अंतरराष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) की नई सफारिशों को संसद के समक्ष रखे जाने को आज मंजूरी दे दी। इससे देश में रोजगार सृजन तथा बेहतर कार्य माहौल बनाने के लिये उपाय करने में मदद मिलेगी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में ‘एंप्लायमेंट एंड डिसेन्ट वर्क फार पीस एंड रेजिलिएंस’ से संबद्ध आईएलओ की सिफारिशों को संसद में रखे जाने को मंजूरी दी। जून 2015 में जिनेवा में आईएलओ के अंतरराष्ट्रीय श्रम सम्मेलन के 106वें सत्र में सिफारिश को स्वीकार किया गया। भारत ने इसका समर्थन किया था। इसके अलाव मंत्रिमंडल ने संसद में लंबित महापत्तन प्राधिकरण विधेयक 2016 में सरकारी संशोधनों को शामिल करने की स्वीकृति दे दी है।
भारत-चीन कर संधि में संशोधन से जुड़े समझौते को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और चीन के बीच दोहरा कराधान बचाव संधि में संशोधन को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर को आज मंजूरी दे दी। एक आधिकारिक बयान के अनुसार, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने भारत और चीन के बीच दोहरा कराधान बचाव तथा राजकोषीय चोरी निरोधक संधि में संशोधन को लेकर समझौते पर हस्ताक्षर को मंजूरी दे दी।’’ समझौता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सूचना के आदान प्रदान को लेकर मौजूदा प्रावधानों को शामिल करता है।