नई दिल्ली: भारत में कोरोना संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुछ देर पहले अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन से फोन पर बात की। बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं ने कोरोना महामारी से निपटने के तौर-तरीकों पर चर्चा किया। बता दें कि अमेरिका ने कोविशील्ड वैक्सीन के कच्चे माल को भारत भेजने पर अपनी सहमति दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने रविवार को एक ट्वीट में कहा था, ‘‘महामारी की शुरुआत में जब हमारे अस्पताल भरे थे और उस समय जिस तरह भारत ने अमेरिका को मदद भेजी थी, ठीक उसी तरह हम भी आवश्यकता की घड़ी में भारत की मदद करने के लिए कटिबद्ध हैं।’’
अमेरिकी राष्ट्रपति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बातचीत महत्वपूर्ण मानी जा रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति से बातचीत करने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि जो बाइडेन से फलदायक बातचीत हुई। हमने दोनों देशों में कोविड की स्थिति पर विस्तार से चर्चा की। मैंने भारत को संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा प्रदान किए जा रहे समर्थन के लिए राष्ट्रपति बाइडेन को धन्यवाद दिया।
इससे पहले संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत ने कहा था कि वाशिंगटन कोविड-19 के मामलों में भयावह वृद्धि का सामना कर रहे भारत की मदद के लिए 24 घंटे काम करेगा और वह टीकों के लिए कच्ची सामग्री, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति तथा टीकाकरण विस्तार के लिए वित्तीय सहायता सहित हर मदद उपलब्ध कराने पर काम कर रहा है। राजदूत लिंडा थॉमस ग्रीनफील्ड ने एक वर्चुअल संवाद में कहा, ‘‘मैं भारत में भयावह स्थिति के बारे में बताने के लिए एक मिनट लेना चाहती हूं। वहां कोविड-19 के मामलों में हाल में हुई वृद्धि काफी भयानक है। अमेरिका भारत के लोगों के साथ खड़ा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत को टीकों के लिए कच्ची सामग्री, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन उत्पादन आपूर्ति, त्वरित जांच किट तथा टीकाकरण विस्तार के लिए वित्तीय सहायता सहित हर मदद उपलब्ध कराने के लिए अमेरिका वह सब कर रहा है जो वह कर सकता है। ग्रीनफील्ड ने कहा, ‘‘हम अपने सहयोगी (भारत) की मदद करने के लिए 24 घंटे काम करेंगे।’’
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