नई दिल्ली. बुधवार को अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने यूएसआईबीसी के डिजिटल शिखर में शिरकत की। इस दौरान उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में हाल में भारत के खिलाफ चीन की सेना द्वारा ‘‘शुरू किया गया’’ संघर्ष चीन की कम्युनिस्ट पार्टी के ‘‘अस्वीकार्य व्यवहार’’ का नवीनतम उदाहरण है। उन्होंने टिकटॉक सहित 59 चीनी ऐप को प्रतिबंधित करने के भारत के निर्णय की प्रशंसा की और कहा कि ये भारत के लोगों के लिए ‘‘सुरक्षा खतरा’’ हैं।
पोम्पियो ने कहा, ‘‘यह महत्वपूर्ण है कि हमारे जैसा लोकतंत्र मिलकर काम करे, खासकर तब जब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी स्पष्ट रूप से चुनौतियां पेश कर रही है।’’ पोम्पियो ने कहा, ‘‘हमारी आधारभूत परियोजनाएं, हमारी आपूर्ति श्रृंखला, हमारी संप्रभुता और हमारे लोगों के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा सभी कुछ खतरे में हैं। काश हम इसे झुठला सकते।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पीएलए द्वारा हाल में शुरू किए गए संघर्ष सीसीपी के अस्वीकार्य व्यवहार के नवीनतम उदाहरण हैं। भारतीय सेना के 20 जवानों की मौत पर हमें गहरा दुख है। मुझे विश्वास है कि अपने लगातार प्रयास से हम अपने हितों की रक्षा कर सकते हैं।’’
पूर्वी लद्दाख में पांच मई से वास्तविक नियंत्रण रेखा के पास भारत और चीन की सेना के बीच कई इलाकों में गतिरोध जारी है। स्थिति पिछले महीने और खराब हो गई जब गलवान घाटी में संघर्ष में 20 भारतीय सैनिक मारे गए।
पोम्पियो ने हाल में 59 चीनी मोबाइल ऐप को प्रतिबंधित करने के भारत के निर्णय की सराहना की जिसमें टिकटॉक भी शामिल है। उन्होंने कहा कि ये भारत के लोगों के लिए गंभीर सुरक्षा खतरा हैं। उन्होंने कहा कि उन्हें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि ‘‘हिंद-प्रशांत और पूरी दुनिया में भारत, अमेरिका का उभरता रक्षा सहयोगी है।’’ उन्होंने स्वीकार किया कि भारत की सुरक्षा के लिए अमेरिका ज्यादा सहयोगात्मक नहीं रहा है। उन्होंने कहा कि नयी दिल्ली एक महत्वपूर्ण साझीदार है और राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की विदेश नीति का मुख्य स्तंभ है।
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