संयुक्त राष्ट्र: ‘‘पूरी दुनिया में’’ हजारों की संख्या में प्रवासी फंसे हुए हैं, जहां उन्हें कोविड-19 के संक्रमण का काफी खतरा है। प्रवास मामलों के लिए संयुक्त राष्ट्र की एजेंसी ‘अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी संगठन’ (आईओएम) के प्रमुख ने यह कहा है। आईओएम के महानिदेशक एंतोनियो विटोरिनो ने कहा कि यात्रा प्रतिबंधों के चलते भविष्य में प्रवासियों से काफी भेदभाव होगा। विटोरिनो ने कहा, ‘‘स्वास्थ्य नई संपत्ति है।’’
उन्होंने कुछ देशों के प्रस्तावों का उदाहरण दिया, जिसमें कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए तथाकथित विशेष पासपोर्ट और मोबाइल फोन एप का इस्तेमाल शुरू करने की बात की गई थी। उन्होंने बृहस्पतिवार को कहा, ‘‘दुनिया के कई देशों में प्रवासियों के स्वास्थ्य की जांच करने की व्यवस्था है और अब मेरा मानना है कि नियमित प्रवासियों के लिए स्वास्थ्य पर नजर रखे जाने की मांग और बढ़ेगी।’’
विटोरिनो ने पत्रकारों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के मार्फत बात करते हुए कहा कि महामारी को फैलने से रोकने के लिए यात्रा प्रतिबंधों को सीमित करने का प्रयास करने से लोगों का स्वास्थ्य पहले की तुलना में ज्यादा खतरे में है। उन्होंने कहा, ‘‘पूरी दुनिया में हजारों प्रवासी फंसे हुए हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘दक्षिण-पूर्व एशिया, पूर्वी अफ्रीका और लैटिन अमेरिका में सीमाएं बंद हैं और यात्राओं पर प्रतिबंध है, काफी श्रमिक रास्ते में हैं और उनमें से कुछ महामारी के कारण लौटना चाहते हैं।’’
विटोरिनो ने कहा कि वे फंसे हुए हैं, कुछ बड़ी संख्या में, कुछ कम संख्या में, सीमावर्ती इलाकों में काफी कठिन स्थितियों में फंसे हुए हैं और उनके पास नाममात्र की सुविधाएं हैं खासकर स्वास्थ्य जांच की सुविधाएं। उन्होंने सभी देशों में प्रवासियों के स्वास्थ्य पर ज्यादा से ज्यादा ध्यान देने की अपील की।
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