कोलकाता: पश्चिम बंगाल के बांकुरा जिले में अपने पैतृक गांव पहुंचे 13 प्रवासी कामगारों को स्थानीय लोगों ने क्वारंटीन सेंटर में प्रवेश नहीं करने दिया। इसके चलते अब ये श्रमिक जंगल में टेंट बनाकर रह रहे हैं। बेराबन वन क्षेत्र में एक तम्बू में रह रहे इन लोगों के पास न तो भोजन की व्यवस्था है और न पीने के पानी की।
ये प्रवासी मजदूर कोविड-19 लॉकडॉउन होने के चार महीने बाद राजस्थान से आए थे। जब वे बांकुरा जिले के जगदल्ला गांव में पहुंचे और दो सप्ताह तक क्वारंटीन में रहने के लिए गांव के एक स्कूल में प्रवेश करने की उन्होंने कोशिश की तो ग्रामीण नाराज हो गए। उन्होंने कोविड संक्रमण के डर से गांव में मजदूरों के प्रवेश का विरोध किया।
सूत्रों ने कहा कि स्थानीय पुलिस और पंचायत सदस्य भी ग्रामीणों को यह समझाने में असफल रहे कि यदि मजदूर सख्ती से क्वारंटीन में रहें तो संक्रमण फैलने की संभावना नहीं होगी।
इस मामले में एक ग्रामीण अनिकेत गोस्वामी ने कहा, "स्कूल हमारे पड़ोस में काफी करीब में है। अगर वे वहां रहते हैं और वे कोरोना पॉजिटिव हैं तो वे गांव में संक्रमण फैला सकते हैं। हम उन्हें स्कूल की इमारत में रहने की अनुमति नहीं दे सकते।"
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