नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मंगलवार को कहा कि उसने ग्रामीण रोजगार योजना मनरेगा के लिए 6,000 करोड़ रुपये से अधिक की अतिरिक्त राशि आवंटित की है। इसके साथ ही इस योजना के लिए कुल आवंटन 61 हजार 84 करोड़ रुपये का हो गया हैं, जो किसी भी वित्तीय वर्ष में आवंटिक राशि का सर्वोच्च अंक है। अतिरिक्त आवंटन करीब 90 सांसदों, कई जाने-माने नागरिक समाज के सदस्यों, कार्यकर्ताओं, किसान आंदोलन के नेताओं और पूर्व नौकरशाहों के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर धन की कमी को लेकर चिंता जताने के बाद किया गया है।
केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार ने मनरेगा के तहत 6,084 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन किया है। इसके साथ ही 2018-19 में इस योजना के तहत कुल आवंटन 61 हजार 84 करोड़ रुपये हो गए हैं, जो अब तक का सर्वोच्च आवंटन है।’’ मंत्रालय की ओर से कहा गया कि पिछले चार वर्षों में केंद्र सरकार ने गरीबों के लिए मनरेगा को स्थायी आजीविका के संसाधन के रूप में खड़ा करने के मद्देनजर इसमें बड़े सुधार किए हैं।
मंत्रालय ने पीएम मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने सत्ता संभालने के वक्त की वर्तमान से मनरेगा की स्थिति की तुलना करते हुए कहा कि 2014-15 में 29.44 लाख से अधिक कार्य पूरे हुए थे, जबकि अब 61.9 लाख पूर्ण हो गए हैं। कहा गया कि 2014-15 में, लाभार्थियों को 26.85 प्रतिशत भुगतान 15 दिनों के भीतर किया गया था, जो अब बढ़कर 91.82 प्रतिशत हो गया है। 2014-15 में आवंटित कुल धनराशि 37,588 करोड़ रुपये थी।
1 जनवरी को महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम या मनरेगा योजना के 99 प्रतिशत से अधिक धन वित्तीय वर्ष की समाप्ति से तीन महीने पहले ही खत्म हो गया था। जिसके बाद 250 सांसदों और कार्यकर्ताओं ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर इस योजना को प्राथमिकता के आधार पर मजबूत करने के लिए काम करने का आग्रह किया।
(इनपुट- भाषा और PTI)
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