नई दिल्ली: शराब हमारे सेहत के लिए हानिकारक होता है इस बात को कहना कोई नई बात नहीं होगी। शराब पीने से व्यक्ति का लीवर खराब हो जाता है तथा इससे कैंसर जैसी बीमारियों की संभावनाएं बढ़ जाती है। महिलाओं में भी मासिक धर्म जैसी दिक्कते शुरु हो जाती है और उनमें हार्मोन का संतुलन भी बिगड़ जाता है। दिल्ली में शराब पीने वाले व्यक्तियों की संख्या एक दशक में 8.4 फीसद कम हुई है। कुछ समय पहले यह खबर आई थी की बिहार में शराब पीने पर रोक लगा दी गई है। ये भी पढ़ें: कैसे होता है भारत में राष्ट्रपति चुनाव, किसका है पलड़ा भारी, पढ़िए...
अब शराब पीने के मामले में यदि पुरुषों की संख्या कम हुई है तो वहीं महिलाओं की संख्या बढ़ती हुई नज़र आ रही है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थय सर्वैक्षण के मुताबिक यह बात सामने आई है कि वर्ष 2015-16 में पहले के मुकाबले शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या 0.3 फीसद बढ़ गई है। वर्ष 2005-06 में जब सर्वेक्षण किया गया तो जानकारी मिली कि पहले दिल्ली में एक तिहाई यानी 33.1 फीसद पुरुष शराब पीते थे, नए सर्वेक्षण के अनुसार यह आंकड़ा 8.4 फीसद कम होकर 24.7 हो गया है।
पुरुषों के मुकाबले अब भी बहुत कम महिलाएं शराब पीती है, लेकिन वर्ष 2015-16 के सर्वे के अनुसार शराब पीने वाली महिलाओं की संख्या बढ़कर 0.7 फीसद हो गई है जो कि पहले सर्वे के मुताबिक केवल 0.4 फीसद थी।
इसका कारण कॉरपोरेट कल्चर का बढ़ता प्रभाव बताया जा रहा है। एम्स में किए गए अध्ययन से यह पता चला है कि लिवर फेल्योर का सबसे बड़ा कारण शराब का सेवन करना है। उनके अनुसार यह जानकारी दी गई की शराब पीने से 41% मरीजों का लीवर खराब होता है तथा लीवर खराब होने से 64% मरीजों की मौत हो जाती है।
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आखिर भारत में इसे क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?
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