कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर से मिले 10 किसान संगठनों के नेता, कृषि बिल का किया समर्थन
कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 10 किसान संगठनों के नेताओं से मुलाकात की। इस मुलाकात में तमिलनाड़ु, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र के किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। इन 10 किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार के कृषि बिल का समर्थन किया है।
नई दिल्ली: कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने 10 किसान संगठनों के नेताओं से सोमवार को मुलाकात की। इस मुलाकात में तमिलनाड़ु, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र के किसान संगठनों के नेता शामिल हुए। इन 10 किसान संगठनों के नेताओं ने सरकार के कृषि बिल का समर्थन किया है। किसानों के समर्थन पर कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने उनका धन्यवाद दिया है। कृषि मंत्री ने बताया कि तमिलनाडु, तेलंगाना, बिहार और महाराष्ट्र से ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति के पदाधिकारी आए थे। सभी लोगों ने पत्र देकर कृषि सुधार बिल का समर्थन किया है। किसानों ने कहा कि मोदी सरकार ने यह काम किसानों के समर्थन में किया है हम इसका स्वागत करते है।
वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए हम किसानों के साथ संपर्क में हैं: कृषि मंत्री तोमर
केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने सोमवार को कहा कि किसानों के साथ वार्ता की अगली तारीख तय करने के लिए सरकार उनसे संपर्क में है। गौरतलब है कि किसान यूनियनों ने केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ अपना आंदोलन तेज कर दिया है और उन्होंने सोमवार को एक दिन की भूख हड़ताल की। तोमर ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘बैठक निश्चित रूप से होगी। हम किसानों के साथ संपर्क में हैं।’’ उन्होंने कहा कि सरकार किसी भी समय बातचीत के लिए तैयार है।
किसान नेताओं को तय करके बताना है कि वे अगली बैठक के लिए कब तैयार हैं। प्रदर्शनकारी किसानों की 40 यूनियनों के प्रतिनिधियों के साथ सरकार की बातचीत की अगुवाई तोमर कर रहे हैं। इसमें उनके साथ केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग तथा खाद्य मंत्री पीयूष गोयल तथा वाणिज्य और उद्योग राज्यमंत्री सोम प्रकाश शामिल हैं। केंद्र और किसान नेताओं के बीच अब तक हुई पांच दौर की वार्ताएं बेनतीजा रही हैं।
सरकार ने किसान संघों को एक मसौदा प्रस्ताव उनके विचारार्थ भेजा है, जिसमें न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को जारी रखने का लिखित आश्वासन भी है, लेकिन किसान यूनियनों ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कानूनों को निरस्त करने की मांग की है। तोमर ने कहा कि ये कानून किसानों की जिंदगी बदलने वाले हैं और इन कानूनों के पीछे सरकार की नीति और मंशा स्पष्ट है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसानों और किसान नेताओं को मनाने का प्रयास किया। हमारी इच्छा है कि वे प्रत्येक खंड पर बातचीत करने के लिए आएं। अगर वे हर खंड पर अपने विचार व्यक्त करने के लिए तैयार हैं तो हम विचार-विमर्श के लिए तैयार हैं।’’ कृषि मंत्री ने यह संकेत भी दिया कि सरकार कानूनों को निरस्त नहीं करेगी। तोमर ने आज केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की और गतिरोध समाप्त करने के तरीके पर चर्चा की। बाद में उन्होंने ऑल इंडिया किसान समन्वय समिति (एआईकेसीसी) नीत किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की जिसने किसान कानूनों को समर्थन दिया है। पिछले दो सप्ताह में कानूनों को समर्थन देने वाला यह चौथा समूह है।