श्रीनगर: पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti) ने रविवार को आरोप लगाया कि जम्मू-कश्मीर (Jammu & Kashmir) में स्थिति से निपटने का केंद्र सरकार (Modi Government) का एकमात्र तरीका ‘दमन करना’ है। उन्होंने कश्मीर में हाल की हिंसक घटनाओं से निपटने के लिए प्रतिबंध लगाने की चेतावनी से संबंधित प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (CDS) जनरल बिपिन रावत की टिप्पणियों पर यह प्रतिक्रिया दी।
मुफ्ती ने कहा कि उनका बयान आधिकारिक कथन के ‘विरोधाभासी’ है कि घाटी में सब कुछ ठीक चल रहा है। उन्होंने ट्विटर पर आरोप लगाया, ‘‘कश्मीर को एक खुली जेल में बदलने के बाद भी बिपिन रावत का बयान कोई आश्चर्य की बात नहीं है क्योंकि जम्मू-कश्मीर में स्थिति से निपटने के लिए भारत सरकार का एकमात्र तरीका दमन करना है। यह उनके आधिकारिक कथन के भी विपरित है कि यहां सब कुछ ठीक है।’’
बता दें कि शनिवार को असम में प्रथम रविकांत सिंह स्मृति व्याख्यान देते हुए जनरल बिपिन रावत ने कहा था कि हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर के लोग आवाजाही की स्वतंत्रता का लाभ उठाने लगे थे, लेकिन मौजूदा स्थिति की वजह से यह बाधित हो सकता है। उन्होंने स्थिति से निपटने में लोगों से सहयोग करने की अपील भी की थी।
ऐसे में रविवार को महबूबा मुफ्ती ने जनरल बिपिन रावत के इस बयान पर विरोध जताया। इसके साथ ही उन्होंने एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, "सामूहिक गिरफ्तारी, इंटरनेट को निलंबित करना, लोगों की तलाशी लेना (बच्चों को भी नहीं छोड़ना), बाइक और दोपहिया वाहनों को जब्त करना और नए सुरक्षा बंकर तैयार करने जैसे कड़े, कठोर और दमनकारी कदमों के बाद अब क्या कदम उठाने बाकी रह गए हैं।"
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