जम्मू: जम्मू एवं कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने घाटी में पहली बार पथराव करने वाले युवाओं के खिलाफ दायर एफआईआर को वापस लेने के फैसले का ऐलान किया है। महबूबा ने बुधवार रात को ट्वीट कर कहा, "पहली बार पत्थरबाजों के खिलाफ एफआईआर वापस लेने की प्रक्रिया को दोबारा शुरू कर मुझे अत्यंत संतुष्टि मिली है।"
महबूबा ने कहा, "मेरी सरकार ने यह प्रक्रिया मई 2016 में ही शुरू कर दी थी लेकिन दुर्भाग्यवश घाटी में फैली अशांति की वजह से यह प्रक्रिया रूक गई थी।" उन्होंने कहा, "यह उन युवा लड़कों और उनके परिवार वालों के लिए आशा की एक किरण है। यह पहल उन्हें अपने भविष्य के निर्माण का दोबारा अवसर प्रदान कराएगा।"
गौरतलब है कि जम्मू एवं कश्मीर मसले पर केंद्र सरकार के विशेष प्रतिनिधि के सुझाव पर विचार करते हुए यह फैसला उठाया गया है ताकि कश्मीर मुद्दे को सुलझाने के लिए वार्ता जारी रखने हेतु सभी हितधारकों में विश्वास बढ़े।
केंद्र सरकार ने आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को जम्मू-कश्मीर के सभी पक्षों से बातचीत करने के लिए अपना प्रतिनिधि बनाया है। सरकार की इस घोषणा के बाद शर्मा ने कहा, 'आशा है कि मैं सरकार के विश्वास पर खरा उतरुंगा और लोगों की उम्मीदों को पूरा कर पाऊंगा।
कौन हैं दिनेश्वर शर्मा?
दिनेश्वर शर्मा भारतीय पुलिस सेवा के 1979 बैच के अवकाश प्राप्त अधिकारी हैं। शर्मा ने दिसंबर 2014 से 2016 के बीच गुप्तचर ब्यूरो के निदेशक के रूप में अपनी सेवाएं दीं।
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