नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष की कैलाश मानसरोवर यात्रा के संबंध में उनकी पार्टी के आरोपों के बीच विदेश मंत्रालय ने आज स्पष्ट किया कि राहुल गांधी की ओर से मानसरोवर यात्रा को लेकर अभी तक कोई औपचारिक आवेदन प्राप्त नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी ऐसी कोई इच्छा नहीं है कि किसी के मानसरोवर यात्रा के मार्ग में अवरोध डाला जाए। अभी तक पीपुल्स रिपब्लिक आफ चाइना के तहत तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में मानसरोवर यात्रा को लेकर राहुल गांधी का कोई औपचारिक आग्रह नहीं प्राप्त हुआ है।’’
उन्होंने कहा कि मानसरोवर की यात्रा दो तरीके से हो सकती है। इसमें पहला विदेश मंत्रालय आयोजित करता है। इसके लिए पंजीकरण कराना होता है। एक लॉटरी प्रणाली होती है और पारदर्शी ढंग से नाम चुना जाता है। कुमार ने कहा कि उनकी ओर से (राहुल गांधी) ऐसा कोई पंजीकरण नहीं हुआ है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि दूसरा तरीका निजी ऑपरेटर के माध्यम से यात्रा पर जाने का है। यह नेपाल के रास्ते होता है और इसके लिये चीन से वीजा की जरूरत होती है। यह स्वयं के स्तर पर होता है। उन्होंने कहा कि अभी हमारे पर उनकी (राहुल गांधी) ओर से कोई संवाद नहीं आया है, हमारे पास कोई संवाद आयेगा तब निश्चित रूप से विचार करेंगे।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता से पूछा गया था कि राहुल गांधी मानसरोवर की यात्रा पर जाना चाहते हैं लेकिन कांग्रेस पार्टी का कहना है कि विदेश मंत्रालय इसमें रोड़े अटका रही है। उल्लेखनीय है कि इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था कि वह कर्नाटक चुनावों के बाद मानसरोवर यात्रा पर जाएंगे।
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