तिरुवनंतपुरम: केरल में महानगरपालिका के एक महापौर ने पुलिसकर्मियों से मानद सलामी की अनोखी मांग के साथ राज्य के पुलिस प्रमुख का रुख किया है। त्रिशूर के महापौर एम के वर्गीज ने शुक्रवार को कहा कि उन्होंने पुलिस प्रमुख अनिल कांत को एक पत्र भेजकर उनसे विशेष आदेश जारी करने की अपील की है जिसमें ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों से उनके पद का सम्मान करते हुए उन्हें सलाम करने को कहा गया है। डीजीपी को लिखे पत्र में, वर्गीज ने दावा किया है कि प्रोटोकॉल के नियमों के मुताबिक, महापौर राज्यपाल और मुख्यमंत्री के बाद महानगरपालिका क्षेत्र में रैंक में तीसरा व्यक्ति होता है।
‘कोई भी महापौर को सम्मान नहीं दे रहा है’
वर्गीज ने एक टीवी चैनल को बताया, 'लेकिन, दुर्भाग्य से, कोई भी महापौर को सम्मान नहीं दे रहा है। शक्ति वाले पदों पर काबिज अन्य व्यक्तियों का सम्मान किया जाता है लेकिन महापौर की मौजूदगी अधिकतर मौकों पर नजरअंदाज की जाती है।’ उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा नजरअंदाज कर उनका कई मौकों पर अपमान किया गया खासतौर पर जब हाल में वह कोविड बचाव कार्यक्रमों के तहत कई स्थानों का दौरा कर रहे थे। वर्गीज ने कहा कि वह पुलिस प्रमुख से ऐसे आदेश की उम्मीद कर रहे हैं जिससे वह अपने अधीनस्थों को महापौरों को मानद सलामी देने को कहें।
DGP ने DIG रेंज से कहा, उचित कार्रवाई करें
त्रिशूर के महापौर ने कहा कि उनकी लड़ाई अपने लिए नहीं बल्कि इस पद के लिए और सभी समकक्षों के लिए है। खबर है कि डीजीपी ने महापौर की शिकायत यहां रेंज डीआईजी को सौंपकर उचित कार्रवाई करने को कहा है। हालांकि, पुलिस सूत्रों ने बताया कि महापौर को सलाम केवल नगरपालिका के सीमा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान किया जाना चाहिए। इस बीच, केरल पुलिस अधिकारी संगठन (KPOA) ने स्पष्ट किया कि राज्य की प्रोटोकॉल नियमावली साफ तौर पर बताती है कि किसे सलाम करना है और किन मौकों पर।
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