नई दिल्ली: शिया धर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद ने नए नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर दिए अपने बयान पर कहा है कि उनकी बात को तोड़-मरोड़ कर पेश किया गया है। उन्होंने समुदाय को दिए एक वीडियो संदेश में कहा है कि उन्होंने कभी नए नागरिकता कानून का समर्थन नहीं किया है। मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि वह सीएए व एनआरसी के खिलाफ हैं और दावा किया कि इस बारे में दिए गए उनके पूर्व के बयान को तोड़-मरोड़ के पेश किया गया था।
जव्वाद ने एक संदेश में दावा किया कि उन्होंने दारुल-उलूम नदवातुल उलमा के चांसलर मोहम्मद राबे हसनी नदवी से मुलाकात की और उनसे समुदाय का नेतृत्व करने का आग्रह किया। लेकिन, उन्होंने इनकार कर दिया और कहा कि वह छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे। उन्होंने समुदाय के पिछड़ेपन के लिए कांग्रेस की निंदा की और धार्मिक नेताओं से समुदाय का सही तरीके से नेतृत्व करने और महात्मा गांधी द्वारा दिए गए औजार सविनय अवज्ञा आंदोलन के जरिए आगे बढ़ने का आग्रह किया।
इससे पहले के बयान के अनुसार, शिया समुदाय धर्मगुरु जव्वाद ने कहा था कि वह
सीएए के लेकर मुस्लिम समुदाय के साथ हैं, लेकिन साथ ही मुस्लिम समुदाय से संयम बरतने की अपील की थी। पुरानी रिपोर्ट्स के मुताबिक, जव्वाद ने कहा था कि एनआरसी और सीएए दो अलग-अलग चीजें हैं और इससे मुसलमानों को कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा था कि एनआरसी को केवल असम में लागू किया जा रहा है, पूरे देश में नहीं और हमें अभी भी नहीं पता कि इसमें किस तरह के नियम बनाए गए हैं।
(IANS से इनपुट्स के साथ) Latest India News