नई दिल्ली: जम्मू कश्मीर के शोपियां में तीन पुलिसकर्मियों की हत्या के बाद सेना और सुरक्षाबलों ने सबसे बड़ा सर्च ऑपरेशन शुरू किया है। आतंकवादियों की तलाश में सुरक्षाबल के जवान पुलवामा जिले के 8 गांवों में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। सुरक्षाबलों को जानकारी मिली थी कि आतंकियों की एक बड़ी खेप पुलवामा और शोपियां के गांवों में ठिकाना बनाए हुए है जिसके बाद सुरक्षाबल लासीपोराज, अरमुला, आलियापुरा, बटनूर, गरबुग, नाउपोरा, हजदारपोरा और आचन गांवों में तलाशी अभियान चला रही है। इस अभियान में राष्ट्रीय राइफल्स के साथ सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलस के जवान लगे हैं। बताया जा रहा है कि गांव वालों को घर से बाहर निकलने से मना किया गया है।
बता दें कि हिज्बुल मुजाहिदीन ने शुक्रवार को शोपियां जिले में तीन पुलिसकर्मियों को उनके घरों से अगवा करने के बाद गोली मारकर हत्या कर दी थी। इन हत्याओं के लिये हिज्बुल मुजाहिदीन को जिम्मेदार माना जा रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिसकर्मियों के शव एक नदी के पार बाग में मिले थे। मारे गये पुलिसकर्मियों की पहचान कांस्टेबल निसार अहमद, दो विशेष पुलिस अधिकारियों - फिरदौस अहमद और कुलवंत सिंह के तौर पर हुई।
हिज्बुल मुजाहिदीन के एक कथित वीडियो में सभी कश्मीरी निवासियों खासकर एसपीओ के तौर पर कार्यरत कश्मीरियों को इस्तीफे की चेतावनी दी गयी थी। पुलिस ने बताया कि तीनों पुलिसकर्मियों को शुक्रवार सुबह बाटागुंड और कापरान गांव स्थित उनके घरों से अगवा किया गया था। अधिकारियों ने बताया कि बाटागुंड गांव के निवासियों ने आतंकवादियों का पीछा किया और अपहृत पुलिसकर्मियों को छोड़ने की गुहार की। अपहरणकर्ताओं ने हवा में गोली चलायी और ग्रामीणों को धमकी दी।
इससे पहले आतंकवादियों ने 30 अगस्त को दक्षिण कश्मीर में विभिन्न स्थानों से पुलिसकर्मियों के रिश्तेदारों को अगवा किया था, जिन्हें बाद में छोड़ दिया था। इस तरह से कम से कम आठ उन लोगों को अगवा किया गया था, जिनके रिश्तेदार जम्मू कश्मीर पुलिस में काम करते हैं। हिज्बुल मुजाहिदीन के कमांडर रियाज नाइकू ने 12 मिनट के एक वीडियो में कथित रूप से इस अपहरण की जिम्मेदारी ली थी। उसने पुलिस हिरासत में मौजूद आतंकवादियों के रिश्तेदारों को रिहा करने के लिये तीन दिन का समय दिया था।
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