नई दिल्ली: पति की अधूरी रह गई देश सेवा को पूरा करने के लिए उन्होंने अपनी जी-जान लगा दी और अब सेना में शामिल होकर शहीद पति के सपनों को खुद पूरा करेंगी। 2017 में शहीद हुए मेजर प्रसाद महादिक की पत्नी गौरी महादिक अब सेना में लेफ्टिनेंट बनकर देश की सेवा करेंगी। पेशे से वकील गौरी महादिक ने अपने पति की शहादत के बाद नौकरी छोड़ दी थी।
गौरी ने सेना में शामिल होने के लिए सर्विस सेलेक्शन बोर्ड यानि एसएसबी की परीक्षा पास की है। उन्होंने दूसरे अटेंप्ट में विधवा कैटेगरी से सर्विस सेलेक्शन बोर्ड की परीक्षा में अप्लाई किया और दूसरे अटेम्प्ट में 16 कैंडिडेट्स को पीछे छोड़ कर इस एग्जाम में टॉप किया। चेन्नई की ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी में अप्रैल से उनकी ट्रेनिंग शुरू होगी।
49 हफ्ते की कड़ी ट्रेनिंग पूरी करने के बाद गौरी मार्च 2020 में सेना में बतौर लेफ्टिनेंट शामिल होंगी। गौरी मुंबई से सटे विरार इलाके में अपने ससुराल में रहती हैं। उनके पति मेजर महादिक दिसंबर 2017 में कैंप में आग लगने से शहीद हो गए थे। महादिक तब अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत-चीन सीमा के पास कैंप में तैनात थे।
मेजर प्रसाद महादिक ने 2012 में आर्मी ज्वाइन की थी। वो बिहार रेजिमेंट की सातवीं बटालियन में तैनात थे। नए भारत में सीमा पर जब कोई जांबाज शहीद होता है तो उसके अपने और पूरा देश जज्बे को सलाम करता है लेकिन उनकी देश सेवा के अधूरे सपनों को पूरा करने का सबसे शानदार उदाहरण हैं गौरी महादिक।
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