45 दिन बाद समुद्री डाकुओं के चंगुल से छूटे वाराणसी के मरीन इंजीनियर संतोष
नाइजीरिया में समुद्री लुटेरों द्वारा अगवा किए गए मरीन इंजीनियर संतोष कुमार भारद्वाज बुधवार की रात मंडुवाडीह स्थित अपने घर पहुंचे।
नई दिल्ली: नाइजीरिया में समुद्री लुटेरों द्वारा अगवा किए गए मरीन इंजीनियर संतोष कुमार भारद्वाज बुधवार की रात मंडुवाडीह स्थित अपने घर पहुंचे। पत्नी समेत पूरा परिवार उन्हें लेने के लिए बाबतपुर एयरपोर्ट गया था। उनकी रिहाई पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर खुशी जाहिर की है। उन्होंने कहा कि मुझे सूचित करते हुए अत्यंत खुशी है कि संतोष भारद्वाज नाइजीरिया में समुद्री डाकुओं से छूट गए हैं। परिवार के लोगों ने भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सुषमा स्वराज का आभार जताया है।
संतोष भारद्वाज सिंगापुर के ट्रांस ओशन लिमिटेड में मरीन इंजीनियर हैं। संतोष कच्चे तेल से लदा शिप लेकर नाइजीरिया से गुजर रहे थे। 26 मार्च को नाइजीरिया की राजधानी लॉगोस से 30 नॉटिककल मील की दूरी पर समुद्री डाकुओं ने संतोष समेत शिप से पांच लोगों को अपहृत कर लिया। डकैत संतोष को मुक्त करने के एवज में फिरौती मांग रहे थे।
कंपनी के अधिकारी ने बिचौलियों की मदद से डाकुओं से संपर्क किया तो मोटी रकम की मांग हुई। 28 अप्रैल को कंपनी ने डाकुओं की मांग पूरी करते हुए रकम भेजी, लेकिन डाकुओं ने पांचों अफसरों को छोड़ने के लिए मांग बढ़ा दी। बाद में कंपनी ने बढ़ी रकम भी भेजी तब डाकुओं ने अधिकारियों को छोड़ा। डाकुओं ने मदर्स डे पर संतोष की बात उनके परिवार के सदस्यों से कराई थी। मां व पिता से बात कर संतोष भी काफी खुश थे। आंसुओं के बीच जल्द घर आने का उन्होंने भरोसा दिया था।
इसके पूर्व रिहाई की पुख्ता खबर मिलने के बाद परिजन रवींद्रपुरी स्थित पीएम के संसदीय जनसंपर्क कार्यालय भी पहुंचे और पीएम, विदेश मंत्री समेत केंद्र सरकार को धन्यवाद दिया। पिता वीरेंद्र ठाकुर पुत्र की रिहाई के लिए रोज सुंदरकांड का पाठ कर रहे थे। रिहाई की सूचना मिलते ही बोले-श्रीराम ने सुनी पुकार।