मराठा आरक्षण आंदोलन: कांग्रेस ने राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग, पुणे में धारा 144 लागू
महाराष्ट्र में एक और युवक ने मराठा आरक्षण आंदोलन की मांग को लेकर रविवार को आत्महत्या कर ली।
औरंगाबाद: महाराष्ट्र में एक और युवक ने मराठा आरक्षण आंदोलन की मांग को लेकर रविवार को आत्महत्या कर ली। वहीं, कांग्रेस ने इस मामले में राज्यपाल से हस्तक्षेप की मांग की है, जबकि हिंसा को देखते हुए सरकार ने पुणे में धारा 144 लागू कर दिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रमोद पाटिल नाम के इस शख्स ने आत्महत्या के पहले एक फेसबुक पोस्ट में लिखा, 'आज एक मराठा जा रहा है।' युवक ने लिखा कि वह अपने जीवन को मराठा आंदोलन के लिए कुर्बान कर रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद 31 वर्षीय पाटिल ने औरंगाबाद के मुकुंदवाड़ी रेलवे स्टेशन के पास ट्रेन के आगे कूदकर जान दे दी।
बताया जा रहा है कि पाटिल के परिजनों ने उसे घर में न पाकर उसकी काफी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिला। बाद में प्रमोद का शव पुलिस को रेल की पटरी पर मिला। रिपोर्ट्स के मुताबिक, प्रमोद शादीशुदा था और उसके दो बच्चे भी हैं। उसने नौकरी के लिए कई परीक्षाएं दी थीं, लेकिन हर बार असफल होने के चलते तनाव में था। इसी तनाव के चलते उसने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। रिपोर्ट्स के मुताबिक, पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कांग्रेस ने राज्यपाल से की हस्तक्षेप की मांग, पुणे में धारा 144 लागू
अपने विधायकों और पार्टी नेताओं से मुलाकात के बाद कांग्रेस ने राज्यपाल विद्यासागर राव को एक चिट्ठी लिखकर मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। साथ ही कांग्रेस ने राज्यपाल से अनुरोध किया है कि वह राज्य सरकार को मराठा समुदाय को 16 प्रतिशत आरक्षण के लिए प्रयास तेज करने को कहें। वहीं, मराठा आरक्षण आंदोलन में हो रही हिंसा को देखते हुए पुणे में सरकार ने धारा 144 को लागू कर दिया है।
आपको बता दें कि पिछले एक हफ्ते में मराठा आंदोलन के नाम पर आत्महत्या की यह दूसरी घटना है। इसके पहले 23 जुलाई को काकासाहब शिंदे नाम के 28 वर्षीय युवक ने गोदावरी नदी में कूदकर आत्महत्या कर ली थी। शिंदे ने भी मराठा आरक्षण की मांग को लेकर खुदकुशी की थी। महाराष्ट्र की देवेंद्र फडणवीस सरकार के सामने इस आंदोलन से पार पाना एक बड़ी चुनौती है। सोमवार को भी महाराष्ट्र के शोलापुर शहर से आंदोलनकारियों द्वारा उपद्रव की खबरें सामने आई हैं।