ठाणे: महाराष्ट्र राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग मराठा आरक्षण मुद्दे पर जल्द अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी। यह जानकारी एक अधिकारी ने दी। राजनीतिक रूप से प्रभावशाली मराठा समुदाय बड़े पैमाने पर कृषि कार्य में संलग्न है और वे ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) के तहत शिक्षण संस्थानों और सरकारी नौकरियों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं।
पूर्व में कई मराठा संगठनों ने अपनी मांगों को लेकर दबाव बनाने के लिए पूरे राज्य में ‘मूक मार्च’ का आयोजन किया था। पैनल के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) एमजी गायकवाड़ ने कल शाम यहां संवाददाताओं को बताया कि आयोग मराठा समुदाय में आर्थिक पिछड़ापन का आकलन कर रहा है, और यह प्रक्रिया अपने अंतिम चरण में है।
उन्होंने कहा कि सर्वे पर आधारित रिपोर्ट जल्द ही सरकार को सौंप दी जाएगी। गायकवाड़ ने बताया कि सभी जिले के पांच गांवों से लिये गये नमूनों और सरकार के पास उपलब्ध समुदाय के आंकड़ों पर सर्वे किया गया है। आरक्षण मुद्दे पर आयोग ने कल ठाणे में दिन भर की एक जन सुनवाई का आयोजन किया था। उन्होंने बताया कि इस सिलसिले में पैनल की टीम को जिले से करीब 1,850 अभ्यावेदन मिले।
उन्होंने बताया कि मराठवाड़ा क्षेत्र और नागपुर, अमरावती, अहमदनगर और सोलापुर जिलों में सर्वे का काम पूरा कर लिया गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के अन्य हिस्सों में सर्वे का काम किया जा रहा है।
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