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Hindi News भारत राष्ट्रीय मराठा मूक मोर्चा: आरक्षण की मांग पर मुंबई में लगा महाजाम

मराठा मूक मोर्चा: आरक्षण की मांग पर मुंबई में लगा महाजाम

मोर्चे में भाग लेने वालों से आयोजकों ने इसकी आचार संहिता का पालन करने का आग्रह किया है। इसमें मौन रहना, किसी तरह की नारेबाजी या भाषण नहीं करना, मराठा क्रांति मोर्चा के 'लोगो' के अलावा कोई और बैनर और प्लेकार्ड नहीं दिखाना, स्वच्छता का ध्यान रखना और आम

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नई दिल्ली: आरक्षण की मांग को लेकर मुंबई में मराठाओं की महारैली शुरू हो गई है। इस रैली में पांच लाख लोगों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है। मराठा क्रांति मोर्चा के नाम से शुरू हुई इस रैली की वजह से मुंबई के कई इलाकों में जाम लग गया है। रैली के कारण ठाणे ईस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर सबसे लंबा जाम लगा है तो वहीं रैली की वजह से दक्षिण मुंबई के सभी स्कूलों को बंद करने का निर्देश दिया गया है। ये भी पढ़ें: नौकरीपेशा लोगों के लिए खुशखबरी, सरकार जल्द ही ले सकती है यह बड़ा फैसला

क्या है मांग...

-मराठाओं को नौकरी और शिक्षा में आरक्षण मिले
-कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय हो
-किसानों की कर्ज माफी, किसानों की खुदकुशी बंद हो
-मराठाओं के खिलाफ SC-ST कानून का दुरुपयोग बंद हो
-कोपर्डी रेप कांड के दोषियों को फांसी की सजा दी जाए

आरक्षण की मांग क्यों?

-महाराष्ट्र की आबादी में 33 फीसदी मराठा हैं
-288 विधानसभा में से 75 सीटों पर मराठाओं का प्रभाव
-2014 में राज्य सरकार ने मराठाओं को 16 फीसदी आरक्षण दिया
-दिसंबर 2014 में बॉम्बे हाई कोर्ट ने आरक्षण पर अंतरिम रोक लगाई

थम गई मुंबई...

-मराठा रैली में 5 लाख लोगों के शामिल होने का दावा
-दक्षिण मुंबई के सभी स्कूल आज बंद हैं
-दक्षिण मुंबई के कई सड़क ट्रैफिक के लिए बंद
-जुलूस के दौरान मुंबई पुलिस के 7 हजार जवान तैनात

मोर्चे में भाग लेने वालों से आयोजकों ने इसकी आचार संहिता का पालन करने का आग्रह किया है। इसमें मौन रहना, किसी तरह की नारेबाजी या भाषण नहीं करना, मराठा क्रांति मोर्चा के 'लोगो' के अलावा कोई और बैनर और प्लेकार्ड नहीं दिखाना, स्वच्छता का ध्यान रखना और आम लोगों को दिक्कत नहीं पहुंचाना शामिल हैं। मोर्चे को पाकिस्तान के बलूचिस्तान स्थित मराठा कौमी इत्तेहाद ने भी समर्थन दिया है।

वाम दलों और मुंबई के डब्बावालों ने भी इसका समर्थन किया है। आयोजकों की मांगों में मराठों को नौकरी व शिक्षा में आरक्षण के अलावा, कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य देना और अनुसूचित जाति-अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम में संशोधन की मांग भी शामिल है। इनका कहना है कि इस अधिनियम का मराठा समुदाय के खिलाफ दुरुपयोग हो रहा है।

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