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Hindi News भारत राष्ट्रीय कोरोना स्ट्रेन के खतरे के बीच एक और नई मुसीबत, ब्रिटेन से लौटे कई लोगों ने लिखाए गलत पते-मोबाइल नंबर

कोरोना स्ट्रेन के खतरे के बीच एक और नई मुसीबत, ब्रिटेन से लौटे कई लोगों ने लिखाए गलत पते-मोबाइल नंबर

ब्रिटेन से लौटने वाले कई लोगों ने गलत या अधूरा पता और मोबाइल नंबर दिया है। अधिकारियों के अनुसार इस वजह से उनका पता नहीं लग पा रहा है।

<p>कोरोना स्ट्रेन के...- India TV Hindi Image Source : REPRESENTATIONAL IMAGE कोरोना स्ट्रेन के खतरे के बीच एक और नई मुसीबत, ब्रिटेन से आए कई लोगों ने लिखाए गलत पते-मोबाइल नंबर

नई दिल्ली: ब्रिटेन से लौटने वाले कई लोगों ने गलत या अधूरा पता और मोबाइल नंबर दिया है। अधिकारियों के अनुसार इस वजह से उनका पता नहीं लग पा रहा है। अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि 25 नवंबर से आईजीआई हवाई अड्डा पहुंचे करीब 14,000 में से 3900 से ज्यादा यात्रियों ने दिल्ली का पता बताया है। दिल्ली सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "कई मामलों में जिला स्तरीय टीमें ब्रिटेन से लौटे शख्स द्वारा दिए गए पते या मोबाइल नंबर से उसका पता नहीं लगा सकीं, क्योंकि ये विवरण अधूरा है। उनका जल्द से जल्द पता लगाने की कोशिशें की जा रही हैं।" दिल्ली में ब्रिटेन से लौटे लोगों का पता लगाकर उनकी जांच करने के लिए जिला स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है।

आपको बता दें कि ब्रिटेन से हाल ही में लौटे 188 यात्रियों का कोविड-19 का आरटीसी-पीसीआर जांच कराया गया, जिनमें से दो और लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं और इनमें से एक युवती ब्रिटेन में मिले कोरोना वायरस संक्रमण के नए प्रकार से संक्रमित पाई गई है। जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर सुहास एल वाई ने बताया कि ब्रिटेन से आए 188 लोगों का कोरोना वायरस का आरटीसी- पीसीआर जांच कराया गया। उसमें दो लोग कोविड-19 से संक्रमित पाए गए हैं।

उन्होंने बताया कि इन दो लोगों की जिनोम सीक्वेंसिंग कराई गई। उन्होंने बताया कि आज इसकी रिपोर्ट आई है, जिसमें एक युवती ‘यूके स्ट्रेन’ से संक्रमित पाई गई है। उन्होंने बताया कि युवती को ग्रेटर नोएडा स्थित जिम्स अस्पताल में उपचार के लिए भर्ती कराया गया है। डीएम ने बताया कि ग्रेटर नोएडा के जिम्स अस्पताल में यूके स्ट्रेन से संक्रमित मरीजों के उपचार की व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त मरीज के संपर्क में आए लोगों की भी जांच की गयी है और उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई है। उन्होंने बताया कि इनके संपर्क में आए अन्य लोगों की भी जांच की जा रही है।

जिलाधिकारी ने बताया कि यूके स्ट्रेन को लेकर दहशत में आने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से इसके उपचार के लिए उचित व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया कि उक्त वायरस को फैलने से रोकने के लिए लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि ब्रिटेन से आए लोगों की कोविड-19 की जांच की जा रही है, तथा उन्हें पृथक-वास में रखा गया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार 25 नवंबर से 23 दिसंबर के बीच भारत में 33 हजार लोग ब्रिटेन से आए हैं। अलग-अलग हवाई अड्डों पर इनकी जांच हो रही है। देश में अब तक कुल 118 लोग कोरोनावायरस के नए खतरनाक रूप से ग्रसित पाए गए हैं।

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