नासिक: विवादास्पद हिन्दुत्ववादी नेता सम्भाजी भिडे ने कहा है कि उनके बगीचे के आम खाने के बाद कई दपंतियों को पुत्र रत्न की प्राप्ति हुई है। उनकी इस टिप्पणी से विवाद उत्पन्न हो गया है और विभिन्न तबकों ने उनकी आलोचना की है।
भिडे ने बीती रात नासिक में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘आम शक्तिशाली और पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं। मेरे बगीचे के आम खाने वाली कुछ महिलाओं ने बेटों को जन्म दिया।’’ राकांपा सांसद सुप्रिया सुले ने उनकी टिप्पणी की निन्दा की और अंधविश्वास विरोधी एक संगठन ने मांग की कि भिडे के खिलाफ मामला दर्ज किया जाना चाहिए।
सुले ने कहा कि भिडे की टिप्पणी सुनने के बाद वह एक मां और महिला के रूप में आहत हुई हैं। उन्होंने पुणे में कहा, ‘‘किसी भी महिला के लिए मां बनना और लड़के या लड़की को जन्म देना गर्व की बात होता है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस तरह के व्यक्तिगत मामले पर समाज में तुच्छ स्तर की बात हो रही है।’’
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के प्रदेश सचिव मिलिन्द देशमुख ने कहा कि भिडे का बयान अंधविश्वास और काला जादू रोधी कानून के तहत संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है और उनके खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अमरावती जिले के अचलपुर से निर्दलीय विधायक बच्चू काडू ने भी भिडे के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की मांग की।
भाषण के दौरान भिडे ने रामायण और महाभारत से कई उदाहरण दिए तथा वर्तमान राजनीतिक और सामाजिक प्रणाली पर हमला बोला। आरएसएस के पूर्व कार्यकर्ता भिडे शिव प्रतिष्ठान हिन्दुस्तान के प्रमुख हैं। वह एक जनवरी को हुई भीमा कोरेगांव जातीय हिंसा से संबंधित मामले में आरोपी हैं।
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