'मन की बात' में बोले पीएम मोदी- गणतंत्र दिवस पर तिरंगे के अपमान से देश दुखी, जानिए बड़ी बातें
कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 23 जनवरी को हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया और 26 जनवरी को ‘गणतन्त्र दिवस’ की शानदार परेड भी देखी। राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियाँ और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया।
नई दिल्ली. रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साल के पहले 'मन की बात' कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। कार्यक्रम की शुरुआत में पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि 23 जनवरी को हमने नेताजी सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन को ‘पराक्रम दिवस’ के तौर पर मनाया और 26 जनवरी को ‘गणतन्त्र दिवस’ की शानदार परेड भी देखी। राष्ट्र ने असाधारण कार्य कर रहे लोगों को उनकी उपलब्धियाँ और मानवता के प्रति उनके योगदान के लिए सम्मानित किया। इस साल भी, पुरस्कार पाने वालों में, वे लोग शामिल हैं, जिन्होंने, अलग-अलग क्षेत्रों में बेहतरीन काम किया है, अपने कामों से किसी का जीवन बदला है, देश को आगे बढ़ाया है। आइए आपको बतातें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'मन की बात' कार्यक्रम की बड़ी बातें।
पीएम मोदी 'मन की बात' में ये बोले
- 26 जनवरी को तिरंगे का अपमान देख, देश, बहुत दुखी हुआ।
- जमीनी स्तर पर काम करने वाले Unsung Heroes को पद्म सम्मान देने की जो परंपरा देश ने कुछ वर्ष पहले शुरू की थी, वो, इस बार भी कायम रखी गई है। मेरा आप सभी से आग्रह है कि इन लोगों के बारे में, उनके योगदान के बारे में जरुर जानें, परिवार में, उनके बारे में, चर्चा करें। देखिएगा, सबको इससे कितनी प्रेरणा मिलती है।
- कोरोना के खिलाफ भारत की लड़ाई एक उदाहरण बनी है। वैसे ही अब हमारा Vaccination programme भी दुनिया में एक मिसाल बन रहा है। आज भारत दुनिया का सबसे बड़ा Covid vaccine programme चला रहा है। हम सबसे बड़े Vaccine programme के साथ ही दुनिया में सबसे तेज गति से अपने नागरिकों का Vaccination भी कर रहे हैं।
- Made-in-India Vaccine, भारत की आत्मनिर्भरता का तो प्रतीक है ही, भारत के आत्मगौरव का भी प्रतीक है। संकट के समय में भारत, दुनिया की सेवा इसलिए कर पा रहा है क्योंकि भारत, आज, दवाओं और Vaccine को लेकर सक्षम है, आत्मनिर्भर है।
- इस वर्ष से भारत अपनी आजादी के, 75 वर्ष का समारोह – अमृत महोत्सव शुरू करने जा रहा है। ऐसे में यह हमारे उन महानायकों से जुड़ी स्थानीय जगहों का पता लगाने का बेहतरीन समय है, जिनकी वजह से हमें आजादी मिली। भारत के हर हिस्से में, हर शहर, कस्बे और गाँव में आजादी की लड़ाई पूरी ताकत के साथ लड़ी गई थी। भारत भूमि के हर कोने में ऐसे महान सपूतों और वीरांगनाओं ने जन्म लिया, जिन्होंने, राष्ट्र के लिए अपना जीवन न्योछावर कर दिया।
- Young Writers के लिए India Seventy Five के निमित्त एक initiative शुरू किया जा रहा है। इससे सभी राज्यों और भाषाओं के युवा लेखकों को प्रोत्साहन मिलेगा। देश में बड़ी संख्या में ऐसे विषयों पर लिखने वाले writers तैयार होंगे, जिनका भारतीय विरासत और संस्कृति पर गहन अध्ययन होगा। हमें ऐसी उभरती प्रतिभाओं की पूरी मदद करनी है। इससे भविष्य की दिशा निर्धारित करने वाले thought leaders का एक वर्ग भी तैयार होगा।
- हैदराबाद के बोयिनपल्ली की मंडी में पहले जो waste था, आज उसी से wealth create हो रही है - यही तो कचरे से कंचन बनाने की यात्रा है। वहाँ हर दिन करीब 10 टन waste निकलता है, इसे एक प्लांट में इकठ्ठा कर लिया जाता है। Plant के अंदर इस waste से हर दिन 500 यूनिट बिजली बनती है, और करीब 30 किलो bio fuel भी बनता है। इस बिजली से ही सब्जी मंडी में रोशनी होती है, और, जो, bio fuel बनता है, उससे, मंडी की कैंटीन में खाना बनाया जाता है - है न कमाल का प्रयास!
- पिछले दिनों झांसी में एक महीने तक चलने वाला ‘Strawberry Festival’ शुरू हुआ। हर किसी को आश्चर्य होता है – Strawberry और बुंदेलखंड! लेकिन, यही सच्चाई है। अब बुंदेलखंड में Strawberry की खेती को लेकर उत्साह बढ़ रहा है, और, इसमें बहुत बड़ी भूमिका निभाई है, झाँसी की एक बेटी – गुरलीन चावला ने। Law की छात्रा गुरलीन ने पहले अपने घर पर और फिर अपने खेत में Strawberry की खेती का सफल प्रयोग कर ये विश्वास जगाया है कि झाँसी में भी ये हो सकता है। झाँसी का ‘Strawberry festival’ Stay At Home concept पर जोर देता है।