नई दिल्ली. कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद की किताब में हिंदुत्व की तुलना आतंकी संगठन आईएसआईएस और बोको हराम के साथ करने के बाद बढ़ा विवाद अभी खत्म भी नहीं हुआ है और एक और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी की किताब (10 Flash Points, 20 Years) सामने आ रही है जो पूर्व की मनमोहन सरकार के कुछ फैसलों को लेकर सवालिया निशान खड़े कर रही है। कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी की किताब पर सियासी घमासान छिड़ गया है।
मनीष तिवारी ने अपनी किताब में अपनी ही पार्टी की मनमोहन सरकार पर सवाल उठा दिया है और लिखा है कि मुंबई में हुए 26/11 हमले के बाद भारत को पाकिस्तान के ख़िलाफ़ जवाबी एक्शन करना चाहिए था। 26/11 आतंकी हमला साल 2008 में हुआ था। उस वक्त देश में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। कांग्रेस के मनमोहन सिंह देश के प्रधानमंत्री थे। ऐसे में मनीष तिवारी ने अपनी किताब में जो कुछ भी लिखा है, उसमें मनमोहन सरकार पर डायरेक्ट सवाल उठाए गए हैं।
मनीष तिवारी की किताब "10 Flash Points 20 Years" अभी मार्केट में नहीं आई है लेकिन आज मनीष तिवारी ने उस किताब के कुछ अंश twitter पर शेयर किए हैं। इस ट्वीट के बाद सियासी घमासान छिड़ गया है। मनीष तिवारी ने अपनी किताब में है कि जिस देश को सैकड़ों निर्दोष लोगों की निर्मम हत्या पर कोई पछतावा नहीं है, उसके प्रति संयम दिखाना ताकत का नहीं कमजोरी का प्रतीक माना जाता है। ऐसा समय भी आता है जब बोलने से ज्यादा जवाबी एक्शन जरूरी हो जाता है।
भाजपा बोली- कांग्रेस ने माना 56 इंच का है मोदी सरकार का सीना
मनीष तिवारी की किताब सामने आने के बाद भाजपा नेता राम कदम की प्रतिक्रिया सामने आई है। उन्होंने ट्वीट कर कहा है कि अब कांग्रेस नेता भी स्वीकार कर रहे कि मोदी सरकार का सीना 56 inch चौड़ा है। राम कदम ने ट्वीट कर कहा कि कांग्रेस नेता अंततः स्वीकार कर रहे हैं कि पाकिस्तान के प्रति उनके नरम रुख ने भारत के हितों को कई बार चोट पहुंचाई है। 26/11 के कायरतापूर्ण हमलों के बाद, एक मजबूत जवाबी प्रतिक्रिया की आवश्यकता थी। दुर्भाग्य से, यूपीए सरकार ने हिंदुओं पर दोष मढ़ना शुरू कर दिया। जैसा कि मनीष तिवारी ने अब कहा है, क्या कांग्रेस आलाकमान अपनी गलती स्वीकार करेगा?
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