सरकारी जांच एजेंसी के अधिकारी बनकर लोगों को ठगने वाले एक बहुत बड़े गैंग का मंगलौर पुलिस ने पर्दाफाश किया है। पुलिस ने इस गैंग के सरगना सहित 8 लोगों को गिरफ्तार किया है इनके पास से एक कार बरामद की गई है, जिसमें केंद्रीय अपराध जांच ब्यूरो का बड़ा-बड़ा बोर्ड लगाया हुआ था। स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर मंगलुरू पुलिस ने पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाया हुआ था, इसी दौरान शुक्रवार देर शाम पुलिस की नजर इस गाड़ी पर पड़ी जो शहर के एक लॉज के बाहर खड़ी हुई थी। जब पुलिसकर्मियों की एक टीम ने एक टीम ने लॉज के अंदर जाकर पूछताछ की तो रूम में मौजूद इनमें से कुछ लोगों ने वहां से फरार होने की कोशिश की लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
केंद्रीय अपराध जांच ब्यूरो का बोर्ड लगी एक कार के अलावा इनके पास से एक एयरगन पांच जिंदा कारतूस, लैपटॉप और कई सारे मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। इस गैंग का सरगना सैम पीटर है जो केरल का रहने वाला है। आरंभिक जांच में पता चला है कि सैम पीटर वेस्ट बंगाल और ओडिशा में भी इसका नेटवर्क है और इसी तरीके का इस्तेमाल करते हुए हां पर भी वे रसूखदार लोगों को डरा कर उनसे ठगी का काम कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक पीटर खुद को केंद्रीय अपराध जांच ब्यूरो का डायरेक्टर बताता है और इसने अपने साथ पांच नकली गनमैन भी रखे हुए थे, ताक़ि जिस भी व्यक्ति को यह टारगेट करते थे उसे आसानी से धोखा देने में कामयाब हो जाते थे।
पुलिस के मुताबिक सिर्फ 2 दिन पहले पीटर केरल से मंगलूर आया था। आशंका है कि मंगलुरु के रहने वाले 2 लोगों चेरियन और अब्दुल लतीफ ने यहां पर किसी बड़े व्यवसाई को टारगेट करने की सूचना पीटर को दी लेकिन गाड़ी को लेकर पुलिस के मन में उठे शक ने अपराध को अंजाम देने से पहले ही इस गिरोह का पर्दाफाश कर दिया। सेम पीटर के साथ साथ पुलिस ने मदन, सुनीलराज, कोदंडराम, बोपन्ना, चेरियन और अब्दुल लतीफ को गिरफ्तार कर लिया है। आरंभिक जांच में पता चला है की अंतरराज्यीय ठगों का यह एक सिंडिकेट है जो पिछले काफी समय से केंद्रीय जांच एजेंसियों के अधिकारी बनकर रसूखदार लोगों और व्यवसायियों को ठग रहे हैं। इनकी करतूत का पूरा लेखा-जोखा सामने लाने के लिए मंगलौर पुलिस ने एक विशेष जांच दल का गठन भी किया है।
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