मंदसौर: अन्य जिलों में फैली हिंसा, हटाए गए DM-SP; रिहा किए गए राहुल गांधी
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मंदसौर में किसानों से मिलने जाते वक्त हिरासत में लेने के बाद फिर रिहा कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने की भी इजाजत दे दी गई है।
मंदसौर/इंदौर: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को मंदसौर में किसानों से मिलने जाते वक्त हिरासत में लेने के बाद फिर रिहा कर दिया गया है। इसके साथ ही उन्हें पीड़ित किसानों के परिजनों से मिलने की भी इजाजत दे दी गई है। इससे पहले पुलिस ने उन्हें नीमच में हिरासत में लिया। राहुल रोक के बावजूद मंदसौर के लिए बढ़ चले थे। राहुल ने कहा, 'आरएसएस से आपकी विचारधारा नहीं मिलती है तो आप अंदर नहीं जा सकते हैं, आप किसी से मिल नहीं सकते हैं। मैं हिंदुस्तान के नागरिकों से मिलना चाहता हूं। यूपी में भी यही किया गया था।'
आंदोलनकारी किसानों पर मंदसौर में पुलिस गोलीबारी के बाद किसान आंदोलन और उग्र हो गया है। किसानों ने मंदसौर में दर्जनों वाहनों के साथ ही एक कारखाने को आग के हवाले कर दिया। इस दौरान पुलिस के साथ किसानों की झड़प भी हुई। नीमच, देवास, खरगोन, उज्जैन में भी हिंसक घटनाएं हुईं। मंदसौर में रेल यातायात रोक दिया गया है। किसान आंदोलनकारियों ने पिपलिया मंडी क्षेत्र स्थित एक फैक्टरी में आग दी और बही चौपाटी इलाके में तीन बड़े वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इसके अलावा भी कई ट्रकों, वाहनों आदि में तोड़फोड़ कर आग लगाई गई। ये भी पढ़ें: इस ब्लड ग्रुप के लोग हैं एलियंस, कहीं आप भी तो उनमें से एक नहीं
इस बीच, मध्य प्रदेश सरकार ने मंदसौर के कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह का तबादला कर दिया है। उनका स्थान ओपी श्रीवास्तव ने लिया है। मंदसौर के पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी का भी तबादला कर दिया गया है।
मंदसौर में चल रहे आंदोलन के चलते पश्चिम रेल्वे के रतलाम मंडल से पिपलिया-मल्हारगढ़ पर आवागमन बंद कर दिया गया है। इसके कारण 11 गाड़ियों के आवागमन पर असर पड़ा है। वहीं मंदसौर की आग देवास तक पहुंच गई। किसानों ने हाट पिपलिया थाने पर धावा बोल दिया और वहां खड़े जब्ती के वाहनों को आग लगा दी। किसानों ने भोपाल-इंदौर के बीच चलने वाली दो चार्टर बसों सहित 10 से अधिक वाहनों को भी आग के हवाले कर दिया। सीहोर में भी बस जला दी गई। नीमच में एक पुलिस चौकी को आग लगा दिया गया।
राज्य में फसल के उचित दाम और कर्ज माफी की मांग को लेकर किसान एक जून से हड़ताल पर हैं। 10 जून तक चलने वाली हड़ताल के छठे दिन मंगलवार को किसान पिपलिया मंडी में सड़क पर उतरकर आए थे। इसी दौरान पुलिस से उनकी झड़प हो गई और पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों ने किसानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। गोलीबारी में पांच किसानों की मौत हो गई और सात अन्य घायल हो गए। प्रशासन ने हिंसा के मद्देनजर मंदसौर व पिपलिया मंडी में कर्फ्यू लगा दिया। राज्य के गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह ने पुलिस अफसरों के साथ बैठक की और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि कैबिनेट की बैठक की। मंदसौर जा रहे नेताओं को पुलिस ने बीच में ही रोक दिया।
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आखिर भारत में इसे क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?