भोपाल: मध्यप्रदेश में दस दिन चले किसान आंदोलन में हुई हिंसा से जान-माल की काफी क्षति हुई है। एक जून से आठ जून तक किसान आंदोलन से जुड़े 130 आपराधिक मामले दर्ज किए जा चुके हैं। इन आपराधिक प्रकरणों के उपद्रवियों द्वारा 104 निजी वाहन (दो पहिया, चार पहिया, बस, ट्रक आदि) तोड़े या जलाए गए, 28 शासकीय वाहन जलाए गए तथा तीन थाने व सात चौकियों या सहायता केंद्रों को नुकसान पहुंचाया गया। आधिकारिक तौर पर दी गई जानकारी के अनुसार, इसके अलावा उपद्रवियों द्वारा देवास में शासकीय आवास एवं अन्य भवनों को भी क्षतिग्रस्त किया गया है। घटनाक्रम में 93 पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं।
आंदोलन के दौरान मंदसौर में पुलिस की कार्रवाई में छह किसानों की जान गई है, वहीं पुलिस ने 156 लोगों को अब तक गिरफ्तार किया है। इसके अलावा राज्य के अलग-अलग हिस्सों में भी बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई है। आपको बता दें कि मंदसौर में किसान आंदलोन के दौरान मंदसौर में पुलिस फायरिंग में 6 किसानों की मौत हो गई थी। किसानों की मौत के बाद राज्य के कई जिले हिंसा की चपेट में आ गए और बड़े पैमाने पर संपत्ति को नुकसान पहुंचा।
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आखिर भारत में इसे क्यों कहा जाता है ‘उड़ता ताबूत’?
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