कोरोनोवायरस के लक्षणों वाला मरीज अस्पताल से भागा, देशभर में 42 लोगों को संक्रमित होने की पुष्टि
कर्नाटक के बैंगलोर में कोरोनोवायरस के लक्षणों वाला एक मरीज अस्पताल से सोमवार को भाग गया है। इस व्यक्ति को अस्पताल में निगरानी में रखा गया था।
कर्नाटक के बैंगलोर में कोरोनोवायरस के लक्षणों वाला एक मरीज अस्पताल से सोमवार को भाग गया है। इस व्यक्ति को अस्पताल में निगरानी में रखा गया था। जम्मू में 83 वर्षीय एक महिला कोरोना वायरस की जांच में संक्रमित पाई गई है। अधिकारियों ने सोमवार को बताया कि जम्मू-कश्मीर में यह पहला मामला है जहां संक्रमण की पुष्टि हुई है। इसी के साथ देश भर में कुल 42 लोगों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। सोमवार को कोच्चि में अधिकारियों ने बताया कि केरल में तीन साल का एक बच्चा कोरोना वायरस की जांच में पॉजिटिव पाया गया। पूर्व में ईरान की यात्रा कर चुकी महिला उन दो मरीजों में शामिल हैं जिन्हें प्रशासन ने सप्ताहांत में “हाई वायरल लोड मामला” घोषित किया था। हाई वायरल लोड मामले ऐसे मामले होते हैं जिनमें संक्रमण बहुत ज्यादा होता है।
अधिकारियों ने बताया कि इन दोनों का गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज (जीएमसी) के पृथक वार्ड में इलाज चल रहा है और उनकी स्थिति स्थिर बनी हुई है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, “महिला मरीज की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई है जबकि अन्य मरीज की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है।” अधिकारियों ने बताया कि सऊदी अरब से लौटी अन्य महिला को डोडा के जीएमसी अस्पताल में रविवार को भर्ती कराया गया था और पृथक केंद्र में निगरानी में रखा गया। उन्होंने बताया कि महिला के नमूने जांच के लिए राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) पुणे भेजे गए हैं। शनिवार को मरीजों को “हाई वायरल लोड मामले” घोषित करने के बाद प्रशासन ने केंद्र शासित प्रदेश के छह जिलों के सभी प्राथमिक स्कूलों को तत्काल बंद करने और एहतियात के तौर पर 31 मार्च तक उपस्थिति दर्ज कराने की बायोमीट्रिक प्रक्रिया पर रोक लगाने की घोषणा की।
इटली, दक्षिण कोरिया और ईरान की यात्रा कर चुकीं दोनों महिलाएं बुधवार को भर्ती कराए जाने के बाद अस्पताल के पृथक वार्ड से भाग गईं थी लेकिन दोनों को फौरन वापस लाया गया। जांच के लिए उनके नमूने पुणे भेजे गए हैं। कोरोना वायरस के किसी भी खतरे से निपटने के लिए जम्मू-कश्मीर को अलर्ट पर रखा गया है। जम्मू-कश्मीर प्रशासन के प्रवक्ता रोहित कंसल ने बताया कि वे स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और जम्मू के सतावड़ी और सरवाल इलाकों में 400 लोगों को निगरानी में रखा हुआ है। उन्होंने बताया कि इन इलाकों में आंगनवाड़ी केंद्रों को भी 31 मार्च तक बंद रखा गया है। रविवार देर रात किए गए दो ट्वीट में उन्होंने कहा कि संदिग्ध मामलों के सभी संपर्कों की जांच की गई है और उन्हें पृथक रखा गया है।
कंसल ने बताया कि प्रशासन सोमवार से केंद्र शासित प्रदेश में कोरोना वायरस की जांच के लिए दो लैब बना रहा है जबकि अगले कुछ दिनों में दो और लैब शुरू हो जाएंगी। किसी बड़ी आपदा के संदेह को दूर करते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने कहा है कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए है और घबराने की कोई बात नहीं है। अधिकारियों ने कहा, “कुल 287 लोगों की सक्रियता से निगरानी की जा रही है। इनमें से 95 मामलों ने 28 दिनों तक निगरानी अवधि को पूरा किया है जबकि संदिग्ध मामलों के 28 नमूनों को अब तक जांच के लिए भेजा गया है जिनमें से 26 के परिणाम निगेटिव पाए गए हैं।”
प्रशासन के एक प्रवक्ता ने बताया, “सड़क के जरिए जम्मू-कश्मीर में आने वाले लोगों की लखनपुर और लोअर मुंडा में निगरानी की जा रही है। जम्मू और कटरा रेलवे स्टेशनों पर हेल्प डेस्क संचालित किए जा रहे हैं।” उन्होंने बताया कि रियासी जिले में माता वैष्णो देवी मंदिर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए थर्मल ईमेजिंग की व्यवस्था की गई है। साथ ही किसी तरह के लक्षण नजर आने पर स्वत: उल्लेख करने को भी कहा गया है। प्रशासन ने अपील की है कि जहां कहीं भी लोगों को पृथक रहने की सलाह दी गई है वहां वे इस कदम में पूर्ण सहयोग करें।