हैदराबाद। तेलंगाना की एक अदालत ने वारंगल जिले में नौ महीने की बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या मामले में दोषी को अपराध के दो महीने के भीतर ही मौत की सजा सुना दी। पुलिस ने कहा कि सनसनीखेज मामले में 24 जुलाई को सुनवाई शुरू हुई थी और वारंगल के प्रथम अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश के जयकुमार ने दो सप्ताह के भीतर ही सुनवाई पूरी कर बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुना दिया।
न्यायाधीश ने बृहस्पतिवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की अंतिम दलीलें सुनने के बाद पहले तो आरोपी पी प्रवीन को बलात्कार और हत्या के मामले में दोषी ठहराया और फिर कुछ समय के स्थगन के बाद उसे मौत की सजा सुना दी।
पुलिस ने कहा कि दोषी को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 और धारा 376 के अलावा पॉक्सो अधिनियम के तहत मौत की सजा सुनाई गई है। इसके अलावा अदालत ने उस पर 20,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।
पुलिस के अनुसार बच्ची 19 जून को तड़के हनामकोंडा में अपने घर की छत पर माता-पिता के साथ सो रही थी। इस दौरान प्रवीन उसे उठाकर सुनसान जगह पर ले गया और बलात्कार कर उसकी हत्या कर दी। उसी इलाके में रहने वाले प्रवीन को 19 जून को पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया और बाद में उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
इस मामले की सुनवाई 24 जुलाई को शुरू हुई और छह कामकाजी दिनों के भीतर गवाहों की गवाही ली गई। वारंगल के पुलिस आयुक्त वी रवीन्द्र ने पीटीआई-भाषा को फोन पर बताया, "अदालत ने मौत की सजा सुनाई है। यह एक उत्कृष्ट निर्णय है। हमने गवाहों की गवाहियों और वैज्ञानिक तथा चिकित्सीय साक्ष्यों के आधार पर मामले की जांच की थी।"
मामला उस समय प्रकाश में आया जब बच्ची की मां ने रात करीब 2.30 बजे अपनी बेटी को अपने पास नहीं पाया। बच्ची के परिवार ने जब उसे तलाश किया तो प्रवीण तौलिये में लिपटी उनकी बेटी को ले जाते हुए दिखाई दिया। प्रवीन ने उन्हें देखकर बच्ची को फेंक दिया और भागने की कोशिश की लेकिन बच्ची के संबंधी ने स्थानीय निवासियों के साथ मिलकर उसे दबोच लिया और पुलिस के हवाले कर दिया। बच्ची को अस्पताल ले जाया गया जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
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