नई दिल्ली: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी 26 मई तक पश्चिम बंगाल में किसी भी मजदूर की एंट्री नहीं चाहतीं। ममता बनर्जी ने रेलवे को चिट्ठी लिखकर कहा है कि कोई भी श्रमिक ट्रेन 26 मई तक बंगाल ना भेजा जाए। ममता सरकार का कहना है कि तूफान की वजह से कई लोग बेघर हो गए हैं। अभी उनका पुनर्वास सरकार की प्राथमिकता है।
गौरतलब है कि इससे पहले विपक्षी दलों ने सरकार पर आरोप लगाया था कि राज्य सरकार की मंशा अन्य राज्यों में फंसे हुए मजदूरों और तीर्थयात्रियों को उनके घर तक पहुंचाने की नहीं है।
वहीं चक्रवात ‘अम्फान’ पर ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में इसके चलते एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है। चक्रवात से राज्य में 80 लोगों की जान चली गई और हजारों लोग बेघर हो गये हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री को हवाईअड्डे पर विदा करने के बाद संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने जिन इलाकों का सर्वेक्षण किया, उनमें से ज्यादातर पूरी तरह से उजड़ गये हैं। मैंने प्रधानमंत्री को राज्य में चक्रवात के बाद की स्थिति के बारे में विस्तृत जानकारी दी।’’
प्रधानमंत्री ने बैठक के बाद राज्य को 1,000 करोड़ रुपये की अग्रिम अंतरिम सहायता देने की घोषणा भी की। हालांकि, ममता ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने 1,000 करोड़ रुपये के आपात कोष की घोषणा की है। पैकेज क्या है, मैं नहीं जानती। मैंने उनसे कहा कि हम उन्हें ब्योरा देंगे। पूरी स्थिति का आकलन करने में कुछ वक्त लगेगा, लेकिन एक लाख करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।’’
Latest India News