नई दिल्ली। मालदीव में नई सरकार के आने के बाद वहां पर चीन के मुकाबले भारत की साख बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं, कूटनीति के मोर्चे पर भारत चीन से आगे जाते हुए दिख रहा है। नई सरकार में शामिल एक पार्टी के नेता ने घोषणा की है कि पिछली सरकार में चीन से साथ हुए फ्री ट्रेड एग्रीमेंट से नई सरकार पीछे हट जाएगी। अगर ऐसा होता है तो मालदीव में भारतीय कूटनीति की बड़ी जीत हो सकती है।
नई सरकार में शामिल पार्टी के नेता ने बताया कि पिछली सरकार ने चीन के साथ जो मुक्त व्यापार समझौता किया है वह उनके देश की एक बड़ी गलती है, उन्होंने इस समझौते को एकतरफा बताया और कहा कि चीन उनके देश से कुछ भी नहीं खरीदता। अगर मालदीव यह घोषणा करता है तो वहां पर भारत की कूटनीतिक और रणनीतिक पकड़ मजबूत हो सकती है।
मालदीव में नए प्रेसिडेंट इब्राहिम मोहम्मद सालेह ने रविवार को कार्यभार संभाला था और कार्यभार संभालने के बाद उन्होंने पिछली सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि देश का खजाना लूटा गया, उन्होंने कहा कि उनके देश को चीन के भारी कर्ज के नीचे दबने के लिए मजबूर किया गया।
रविवार को भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मालदीव के नए राष्ट्रपति के पदभार ग्रहण समारोह में हिस्सा लिया और मालदीव को हर संभव मदद का भरोसा दिया।
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