भारत में अपनी गिरफ्तारी के डर से भाग कर मलेशिया पहुंचे जाकिर नाइक पर वहां की सरकार ने बैन लगा दिया है। भड़काऊ बयान देने के कारण जाकिर नाइक पर सार्वजनिक रूप से धार्मिक उपदेश देने पर रोक लगा दी गई है। मलयेशिया पुलिस ने बयान जारी कर कहा कि ऐसा राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखकर किया गया है। मलयेशिया सरकार ने इस बाबत पूरे देश में आदेश जारी कर दिया है। रॉयल मलयेशिया पुलिस के चीफ पीआर दतुक अस्मावती अहमद ने सरकारी आदेश मिलने की पुष्टि की है।
मलेशिया के लिए सिरदर्द बना
आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने और आतंकियों को भड़काने के लिए भारत में जाकिर नाइक वॉन्टेड है। भारत से भागकर यह मलेशिया में जो छिपा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई बार मलेशिया के पीएम मोहम्मद महातिर से प्रत्यर्पण की मांग कर चुक हैं। लेकिन वहां की सरकार विवादित उपदेशक और मनी लॉन्ड्रिंग केस में वांछित जाकिर नाइक को भारत प्रत्यर्पित न करने पर अड़ी हुई थी। अब यही जाकिर उनके लिए सिरदर्द बन गया है। बता दें कि जाकिर पिछले कुछ समय से मलयेशिया में शरण लिए हुए है। भारत सरकार मलयेशिया से जाकिर के प्रत्यर्पण करने का आग्रह भी कर चुकी है।
पुलिस हेडक्वार्टर में किया गया तलब
आधिकारिक बर्नामा न्यूज एजेंसी की सोमवार की रिपोर्ट के मुताबिक, जाकिर को पुलिस हेडक्वॉर्टर बुकित अमान में बयान दर्ज करने के लिए दोबारा बुलाया गया था। सीआईडी डायरेक्टर हुजिर मोहम्मद ने कहा कि जाकिर को शांति भंग करने से संबंधित दंड संहिता की धारा 504 के तहत बयान दर्ज कराना होगा।
चीनी और हिंदुओं के खिलाफ दिया था विवादित बयान
जाकिर ने इससे पहले 16 अगस्त को बयान दर्ज कराया था। उसने 3 अगस्त को कोटा बारु में मलयेशिया में रह रहे हिंदुओं और चीनियों को लेकर आपत्तिजनक बात कही थी, जिसके बाद वहां के मंत्रियों ने कैबिनेट बैठक में उसे भारत भेज देने की मांग की थी। उसने चीनी मूल के नागरिकों को लेकर यहां तक कह दिया था कि उन्हें अपने देश लौट जाना चाहिए क्योंकि वे पुराने गेस्ट हैं। वहीं, उन्होंने हिंदुओं को लेकर कहा था कि भारत में जितने अधिकार मुसलमानों को नहीं मिले, उससे 100 गुना अधिक मलयेशिया में हिंदुओं को मिले हुए हैं।
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