नई दिल्ली: भारत सरकार के पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय ने यूनिसेफ के साथ मिलकर महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन (एमजीआईएससी) के आयोजन की घोषणा की। इस सम्मेलन में 50 से अधिक देशों के मंत्री और नेता हिस्सा लेंगे। इस दौरान उन्हें भारत की प्रगति और दुनियाभर में सर्वश्रेष्ठ जल स्वच्छता (डब्ल्यूएएसएच) प्रथाओं के बारे में जानने का मौका मिलेगा।
चार दिवसीय एमजीआईएससी का आयोजन 29 सितंबर से दो अक्टूबर 2019 के बीच नई दिल्ली में होगा। इसका आयोजन स्वच्छ भारत मिशन (एसबीएम) द्वारा किया जा रहा है। एसबीएम दुनिया का सबसे बड़ा स्वच्छता कार्यक्रम है।
इस सम्मेलन के बारे में अधिक जानकारी देते हुए पेयजल एवं स्वच्छता मंत्रालय (भारत सरकार) के सचिव परमेश्वरन अय्यर ने कहा, "भारत ने वैश्विक स्वच्छता का लक्ष्य हासिल करने के लिए बड़ा कदम उठाया है। स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत दो अक्टूबर 2014 को की गई थी। इसका लक्ष्य भारत को दो अक्टूबर 2019 तक साफ-सुथरा और खुले में शौच से मुक्त बनाना है। ऐसा करते हुए देश राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी 150 वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देना चाहता है।"
भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि डॉक्टर यासमीन अली हक ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, "साफ पेयजल, असरकारी स्वच्छता और साफ-सुथरा माहौल हर बच्चे और हर समुदाय के लिए जरूरी हैं। साफ-सुथरे देश में ही उन्नत और मजबूत समाज बनता है। एसबीएम एक बिल्कुल अलग कार्यक्रम है। यह विश्व का सबसे बड़ा सफाई अभियान है और इसमें करोड़ों लोगों की भूमिका है। स्वच्छ भारत ने दुनिया भर का ध्यान अपनी ओर खींचा है। महात्मा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन के माध्यम से हम इस बात पर चर्चा करेंगे कि हम हर लड़के और लड़की को साफ सुथरा माहौल और साफ पेयजल कैसे प्रदान कर सकते हैं।"
भारत का लक्ष्य 2019 तक खुद को खुले में शौच से मुक्त करना है और वह इसकी तरफ तेजी से बढ़ रहा है। अपने इस लक्ष्य को हासिल करने के क्रम में भारत वैश्विक स्तर पर 6 एसडीजी तक पहुंच गया है। एमजीआईएससी में ब्राजील, इंडोनेशिया, नाइजीरिया और जापान समेत उच्च, मध्यम और निम्न आय वाले देशों के 50 से अधिक मंत्री और प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
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