औरंगाबाद: पिछले वर्ष अच्छे मानसून के बावजूद महाराष्ट्र के लातूर शहर में लोगों को भीषण जल संकट का सामना करना पड़ रहा है। अधिकारी इस बात को स्वीकार कर रहे हैं कि घरों के नलों में 15 दिन में एक बार जलापूर्ति की जा रही है। अधिकारियों का कहना है कि बिजली के बिलों का भुगतान नहीं हुआ है जिसके कारण नगर निकाय की बिजली आपूर्ति ठप हो गई है और इस कारण से हालात और खराब हो गए हैं।
महाराष्ट्र का यह 16वां सबसे बड़ा शहर आमतौर पर जल संकट के लिए खबरों में रहता है और यहां के पांच लाख नागरिकों को राहत पहुंचाने के लिए ट्रेन के जरिए पानी भेजना पड़ता है। लातूर नगर निगम के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि लातूर में बीते छह दिन से नगर निगम की ओर से जलापूर्ति नहीं की गई है। लातूर नगर निगम के कार्यकारी अभियंता विजय चोल्खाने ने कहा, ‘‘बिजली का बकाया 4.19 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। हम लातूर के पांच लाख लोगों को छह दिन में एक बार पानी की आपूर्ति कर रहे थे लेकिन अब 15 दिन में एक बार कर रहे हैं। जलापूर्ति बहाल करने के प्रयास किए जा रहे हैं।(बकाए के भुगतान के) प्रबंध किए जा रहे हैं।’’
महापौर विक्रांत गोजमगुंडे ने कहा कि एमएसईडीसीएल को एक महीने का बिजली का भुगतान मंगलवार को कर दिया जाएगा और आगामी दिनों में जलापूर्ति सामान्य हो जाएगी। गोजमगुंडे ने कहा, ‘‘हमने एमएसईडीसीएल के अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने भी विभिन्न नगर निकाय कार्य संबंधी हमारे कुछ बिलों का भुगतान नहीं किया है। हम एमएसईडीसीएल को कल 70 लाख रुपए देंगे। एलएमसी के तहत इलाकों में जलापूर्ति जल्द नियमित हो जाएगी।’’
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