नागपुर विधानसभा में घुसा बारिश का पानी, मानसून सत्र करना पड़ा स्थगित
नागपुर महाराष्ट्र की उपराजधानी है। यहां 47 साल बाद विधानसभा सत्र आयोजित हो रहा है लेकिन बारिश के चलते सराकर को किरकरी का सामना करना पड़ रहा है।
नई दिल्ली: महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र पर सोमवार तक बारिश का ग्रहण लग गया है। महाराष्ट्र का उपराजधानी नागपुर में 47 साल बाद विधानसभा का मानसून सत्र हो रहा है लेकिन बारिश के चलते राज्य सरकार को भारी किरकरी का सामना करना पड़ा है। बारिश ने नागपुर विधानसभा की बिजली गुल कर दी है। विधायक सदन से बाहर आ गए हैं। नागुपर में हाल ही में इतनी बारिश हुई है कि कई निचले इलाके डूब गए। शहर के कई इलाकों में घुटने तक पानी में डूब गए हैं। भारी बारिश ने नागपुर को ऐसे भिगोया कि जनता से लेकर नेता तक त्राहिमाम करने लगे और ये स्थिति तब देखने को मिल रही है जब मानसून सत्र में हिस्सा लेने नागपुर में महाराष्ट्र के माननीय पहुंचे हैं बारिश की वजह से विधानसभा भवन में पानी भर गया। जिसके चलते मानसूत्र सत्र को स्थगित करना पड़ा है। ये ही नहीं शहर का पावर स्टेशन में पानी घुस गया। जिसके बाद शहर की विद्युत आपूर्ति बाधित हो रही है।
शहर की पावर सप्लाई बंद कर दी गई। जिसके बाद दोनों सदन विधानसभा और विधानपरिषद में बिजली गुल हो गई है। विधानसभा में पानी भरने और अंधेरा छाने के बाद विधानसभा-विधानपरिषद के सत्र को सोमवार तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। नागपुर में गुरुवार रात से भारी बारिश हो रही है। इस से कई इलाकों में पानी भर गया है। विधान भवन को बिजली आपूर्ति करने वाले स्विचिंग केंद्र में भी पानी भरने की वजह से सुरक्षा कारणों से बिजली आपूर्ति बंद कर दी गई। सदन की कार्यवाही सुबह 10 बजे शुरू होते ही विधानसभा अध्यक्ष हरिभाऊ बागडे ने घोषणा की कि स्विचिंग केंद्र के बंद होने की वजह से बिजली बंद की जानी है। सदन की कार्यवाही 11 बजे तक स्थगित रही। सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी शिवसेना ने फौरन सरकार की आलोचना की। शिवसेना नेता सुनील प्रभु ने संवाददाताओं से कहा कि अगर यह मुंबई में हुआ होता तो शिवसेना के कब्जे वाली मुंबई नगर निकाय की आलोचना हो रही होती। हर कोई बृहमुंबई महानगरपालिक (बीएमसी) के खिलाफ जांच की मांग कर रहे होते।
उन्होंने कहा , ‘‘ नागपुर दूसरी राजधानी है और महत्वपूर्ण शहर है। नागपुर निगर निगम भाजपा चलाती है। विधानसभा सत्र की कार्यवाही बारिश की वजह से बाधित नहीं हो , यह सुनिश्चित करने के लिए इसे बुनियादी आधारभूत ढांचा मुहैया कराना चाहिए था। ’’ ऊर्जा मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि बारिश ने विधानसभा की कार्यवाही को इस तरह से प्रभावित किया है। यह शायद जलनिकासी प्रणाली की साफ - सफाई नहीं किए जाने के कारण हुआ है।