मुंबई: महाराष्ट्र विधान सभा में राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा को अनिवार्य बनाने से संबंधित एक विधेयक बृहस्पतिवार को सर्वसम्मति से पारित हो गया। ‘मराठी भाषा दिवस’ के दिन 27 फरवरी को यह विधेयक पारित हुआ जो ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित दिवंगत वी वी शिरवाडकर की जयंती है। ‘महाराष्ट्र के स्कूलों में मराठी भाषा का अनिवार्य पठन-पाठन विधेयक, 2020’ बुधवार को विधान परिषद में पारित हो गया।
मराठी भाषा के मंत्री सुभाष देसाई ने बृहस्पतिवार को निचले सदन में विधेयक पेश किया। देसाई ने कहा कि यह विधेयक तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक में कानून की तर्ज पर है और यह राज्य के सभी स्कूलों में मराठी भाषा के पठन-पाठन को अनिवार्य बनाता है। उन्होंने कहा कि यह भाषा 2020-2021 के अकादमिक वर्ष से चरणबद्ध तरीके में पहली से 10वीं कक्षा के सभी स्कूलों में अनिवार्य विषय होगी।
हालांकि सरकार के पास अधिनियम के सभी या किसी भी प्रावधान से एक छात्र या पूरी कक्षा को छूट देने का अधिकार होगा। उन्होंने कहा कि कानून में इसका अनुपालन नहीं करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान है। विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने इस विधेयक का स्वागत किया लेकिन छूट के प्रावधानों पर आपत्ति जताई।
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