परमबीर सिंह पर महाराष्ट्र सरकार कर सकती है कार्रवाई, महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ से मिले अनिल देशमुख
परमबीर सिंह की सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में है। खुद अनिल देशमुख एक्शन में हैं। ये भी जानकारी मिली है कि परमबीर सिंह के आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार एक कमेटी बना सकती है।
मुंबई. महाराष्ट्र सरकार मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के खिलाफ सरकार कार्रवाई कर सकती है। बीती शाम महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सोमवार शाम महाराष्ट्र के डीजीपी रजनीश सेठ से मुलाकात की, दोनों के बीच करीब आधे घंटे तक बातचीत हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस मुलाकात के दौरान परमबीर पर लगे आरोपों पर चर्चा की गई है। इसमें सस्पेंडेड पुलिस इंस्पेक्टर अनूप डांगे के लगाए आरोप पर भी बात हुई। इस मीटिंग के बाद अनिल देशमुख ने एसीएस होम मनु कुमार श्रीवास्तव के साथ भी लंबी मीटिंग की।
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आपको बता दें कि परमबीर सिंह की सुप्रीम कोर्ट में याचिका के बाद महाराष्ट्र सरकार हरकत में है। खुद अनिल देशमुख एक्शन में हैं। ये भी जानकारी मिली है कि परमबीर सिंह के आरोपों की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार एक कमेटी बना सकती है। ये कमिटी अनिल देशमुख पर लगे आरोपों की जांच करेगी। दरअसल उद्धव सरकार नहीं चाहती है कि मामला सीबीआई के हाथ में जाए, लिहाजा उद्धव सरकार अपने स्तर पर इसकी जांच करना चाहती है। इस बीच खबर ये भी है कि आज बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस एक बार फिर फ्रेस कॉन्फ्रेंस कर ठाकरे सरकार पर निशाना साधेंगे।
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आपको बता दें कि परमबीर सिंह ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को लिखे आठ पृष्ठों के एक पत्र में शनिवार को दावा किया था कि देशमुख चाहते थे कि पुलिस अधिकारी बार और होटलों से हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करें। उन्होंने आरोप लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को फरवरी के मध्य में आवास पर बुलाया था और उससे हर महीने 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था। हालांकि, देशमुख ने आरोपों से इनकार किया है।
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परमबीर सिंह ने पत्र में यह आरोप भी लगाया था कि देशमुख ने मुंबई पुलिस के एपीआई सचिन वाजे को मध्य फरवरी के आसपास अपने आधिकारिक आवास पर बुलाया था और उन्हें एक महीने में 100 करोड़ रुपये की वसूली करने को कहा था। पवार ने आरोपों को लेकर अस्पताल के एक प्रमाणपत्र को पढ़ते हुए कहा, "देशमुख कोरोना वायरस संक्रमण के चलते पांच से पंद्रह फरवरी तक नागपुर के एक अस्पताल में भर्ती थे और उसके बाद 15 से 27 फरवरी तक वह चिकित्सकों की निगरानी में थे।"
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NCP प्रमुख ने कहा, "(राज्य) सरकार के सभी रिकार्ड भी यह कहते हैं कि पूरे तीन हफ्ते तक वह (देशमुख) बंबई (मुंबई) में नहीं थे। वह नागपुर में थे, जो उनका गृह नगर है। यही कारण है कि इस स्थिति में इस्तीफे का सवाल ही पैदा नहीं होता है।" वहीं, भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस ने दावा किया कि देशमुख ने 15 फरवरी को संवाददाता सम्मेलन किया था, जो पवार के इस कथन से विरोधाभासी है कि वह (देशमुख) उस वक्त अस्पताल में भर्ती थे। आपको बता दें कि सचिन वाजे इस वक्त एनआईए की हिरासत में हैं, जो उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास एंटीलिया के पास एक संदिग्ध वाहन बरामद होने के मामले की जांच कर रही है। वाहन से जिलेटिन की छड़ें और धमकी भरा एक पत्र मिला था।
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