मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने पिछले साल घोषित महात्मा ज्योतिबा फुले किसान कर्ज माफी योजना के क्रियान्वयन के लिए अपनी आकस्मिक निधि से 10,000 करोड़ रुपये निकालने का फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल ने बुधवार को अपनी बैठक में किसानों के लिए कर्ज माफी योजना के क्रियान्वयन के लिए कोष से 10,000 करोड़ रुपये लेने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा है कि निकासी के लिए एक अध्यादेश जल्द ही लाया जाएगा। आकस्मिक निधि की मौजूदा सीमा 150 करोड़ रुपये है, जिसमें अब 10,000 करोड़ रुपये वृद्धि हो जाएगी। इस तरह 10,150 करोड़ रुपये का कोष होगा।
पिछले साल नवंबर में कार्यभार संभालने वाली शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन सरकार ने 22 फरवरी से कर्ज माफी योजना लागू करने का फैसला किया था। पांच मार्च तक क्रियान्वयन के लिए योजना के तहत 10,000 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। राज्य विधानमंडल का बजट सत्र 24 फरवरी से मुंबई में शुरू होगा और छह मार्च को बजट पेश किया जाएगा । सरकार ने किसानों के लिए दो लाख रुपये तक का कर्ज माफ करने की घोषणा की है। एक अन्य फैसले में मंत्रिमंडल ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में दृष्टि दोष वाले छह से 18 साल के उम्र के छात्र-छात्राओं को मुफ्त में चश्मा मुहैया कराने के एक प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान कर दी।
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य मिशन के तहत हर साल स्कूली छात्र-छात्राओं की जांच होगी । सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में 1.21 करोड़ बच्चे हैं और उनमें से आठ प्रतिशत दृष्टि विकार से ग्रस्त हैं । ऐसे छात्रों को मुफ्त चश्मा मुहैया कराने के लिए 20 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गयी है।
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