मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने देशव्यापी लॉकडाउन के बीच 20 अप्रैल से 20 जिलों के विशेष आर्थिक क्षेत्रों और महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (एमआईडीसी) क्षेत्रों में औद्योगिक गतिविधियों को दोबारा शुरू करने की अनुमति देने का फैसला किया है। उद्योग मंत्री सुभाष देसाई ने कहा कि इन जिलों की पहचान आर्थिक गतिविधियों के लिए न्यूनतम जोखिम वाले के रूप में की गई है क्योंकि यहां कोरोना वायरस संक्रमण के मामले सबसे कम हैं। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव पर अंतिम फैसला मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे करेंगे।
महाराष्ट्र सरकार स्वास्थ्य, कृषि, मत्स्य, पौधरोपण, पशुपालन, वन संबंधी गतिविधियां, वित्तीय क्षेत्र (आरबीआई, सेबी, एटीएम), सामाजिक क्षेत्र (निगरानी केंद्र, पेंशन वितरण कार्यालय), ऑनलाइन शिक्षण, मनरेगा, जन सुविधाएं (गैस, पोस्टल सर्विस, जल, कचड़ा प्रबंधन), माल की ढुलाई, कार्गो, ई-कॉमर्स, डाटा और कॉल सेंटर्स सहित कई गतिविधियों को खोलने की अनुमति दे सकती है। हालांकि, जिन क्षेत्रों में इन आर्थिक गतिविधियों को खोला जाना है उनके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं दी गई है।
राज्य में 4.5 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम हैं और सरकार को उम्मीद है कि वह इनमें से 60 प्रतिशत के लिए लॉकडाउन नियमों में छूट दे सकती है। देसाई ने कहा कि हमारी जानकारी के मुताबिक राज्य में 6 जिले ऐसे हैं, जहां कोरोना संक्रमण के एक भी मामले नहीं हैं। बाकी जिलों में एक या दो मामले ही हैं। ऐसे में सभी नियमों का सख्ती से पालन करते हुए इन जिलों में आर्थिक गतिविधियां शुरू करने में कोई परेशानी नहीं है।
महाराष्ट्र में एमआईडीसी द्वारा विकसित लगभग 230 औद्योगिक क्षेत्र हैं। मंत्री ने कहा कि 12 नगर निगमों में लॉकडाउन से कोई छूट नहीं दी जाएगी, क्योंकि इन्हें रेड जोन घोषित किया गया है।
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