औरंगाबाद: महाराष्ट्र के उस्मानाबाद जिले में एक किसान ने अपनी फसल के लिए उचित दाम न मिलने पर अपनी पूरी फसल को ही नष्ट कर दिया। दरअसल, किसान एक व्यापारी की ओर से बाजार की कीमत का महज 60 प्रतिशत देने की पेशकश से नाराज था जिसके बाद उसने एक एकड़ भूमि में उपजी पत्तागोभी की अपनी पूरी फसल नष्ट कर दी। उमेर्गा तहसील के जगदलवाड़ी गांव के निवासी उमाजी चव्हाण ने कहा कि किसानों से सब्जियां खरीदने वाले व्यापारियों ने जिस कीमत की पेशकश की वह इतनी कम थी कि उसके पास कोई विकल्प नहीं बचा और उसने पूरी फसल को नष्ट करने का अत्यंत कठिन कदम उठाया।
‘ट्रैक्टर और रोटर से पूरी फसल बर्बाद कर दी’
चव्हाण ने शुक्रवार को बताया, ‘मैंने ट्रैक्टर और रोटर की मदद से पत्तागोभी का पूरा खेत नष्ट कर दिया।’ उन्होंने कहा कि लॉकडाउन की वजह से सब्जियों की मांग, ढुलाई और बिक्री किसानों के लिए बड़ी समस्या बन गई है। महाराष्ट्र में बंद लागू हुए करीब एक महीना हो गया है क्योंकि यहां यह राष्ट्रव्यापी बंद से पहले से प्रभावी है। उन्होंने कहा, ‘हमने अपने गांव से 20 किलोमीटर दूर उमेर्गा के बाजार में पत्तागोभी बेचने की कोशिश की थी। हमें 50 किलोग्राम पत्तागोभी के लिए 20 रुपये की पेशकश की गई। मुझे जो कीमत दी जा रही थी वह बाजार के सामान्य बिक्री कीमत का करीब 60 फीसदी है।’
‘खेती के लिए खर्च किए थे एक लाख रुपये’
चव्हाण ने कहा, ‘मैंने एक एकड़ खेत में पत्तागोभी की खेती के लिए करीब एक लाख रुपये खर्च किए थे। मैंने निवेश पर उचित रिटर्न की उम्मीद की थी लेकिन मुझसे फसल को उस कीमत पर बेचने को कहा गया जिससे लागत का 50 प्रतिशत भी ऊपर नही होता।’ उन्होंने अपनी परेशानी के बारे में बताते हुए कहा कि सोलापुर और हैदराबाद में बड़े बाजार हैं जहां मुझे उचित कीमत मिली होती, लेकिन सोलापुर मेरे गांव से 100 किलोमीटर और हैदराबाद 200 किलोमीटर दूर है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के चलते इन दोनों शहरों तक पहुंचना बेहद मुश्किल है।
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